हरिद्वार: कुंभ मेले का सन्यासियों के 5 अखाड़ों की तरफ से समापन कर दिया गया है. मगर, कुंभ मेले का आखिरी शाही स्नान 27 अप्रैल को बैरागी और वैष्णो संप्रदाय के अखाड़ों द्वारा किया जाएगा. बैरागी अखाड़ों के काफी साधु-संत अपने-अपने निवास स्थान पर रवाना हो गए हैं. लेकिन काफी संख्या में संत अभी हरिद्वार में डेरा जमाए हुए हैं. साधु-संतों के लिए सरकार और मेला प्रशासन की तरफ से खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है. इसके लिए अलग से व्यवस्था होती है. मगर, बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर साधु-संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. 


परेशानी का सामना करना पड़ रहा 
साधु-संतों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए जिला खाद्य आपूर्ति के दरिए गोदाम बनाए गए हैं. मगर बावजूद इसके साधु-संतों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं हो रही है. खाद्य सामग्री लेने पहुंच रहे साधु-संतों का कहना है कि जितनी मात्रा में खाद्य सामग्री चाहिए उतनी मात्रा नहीं मिल पा रही है. इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी कहते हैं कि खाद्य सामग्री की कमी है मगर ''हम सरकार से पूछना चाहते हैं जब कुंभ मेले का स्वरूप ही बदल दिया और कुंभ मेला काफी छोटा कर दिया गया है तो उसमें खाद्य सामग्री को आधा क्यों किया जा रहा है.''


साधु-संतों को कोई परेशानी नहीं हो रही है
गोदाम के अधिकारी क्रांत भूषण का कहना है कि साधु-संतों को कोई परेशानी नहीं हो रही है. जिसका जो नंबर है उसके हिसाब से उनको राशन दिया जा रहा है. इसमें थोड़ा वक्त भी लगेगा क्योंकि काफी संख्या में साधु-संत खाद्य सामग्री लेने आ रहे हैं. कम राशन की शिकायत को लेकर उनका कहना है कि इसकी परमिट डीएसओ की तरफ से बनाई जाती है. साधु-संतों को जितनी परमिट बन रही है उसके हिसाब से सबको खाद्य सामग्री दी जा रही है.  


नाराजगी देखने को मिल रही है
राज्य सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ की अवधि को घटा दिया था. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सन्यासियों के 5 अखाड़ों ने कुंभ के समापन की घोषणा कर दी थी. बैरागी और वैष्णो अखाड़ों के काफी साधु-संत हरिद्वार में कुंभ का आखरी शाही स्नान करने के लिए डेरा जमाए हुए हैं. मगर पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री ना उपलब्ध होने से नाराजगी देखने को मिल रही है. इससे उलट खाद्य गोदाम अधिकारी पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री देने की बात कह रहे हैं. 


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