हरिद्वार: कुंभ को लेकर हरिद्वार में तैयारियां जोरों पर चल रही है लेकिन कोरोना की वजह से इस बार कुंभ का स्वरूप मात्र 48 दिन का हो गया है. सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है लेकिन 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति के पर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. मकर संक्रांति का पर्व कुंभ स्नान का नहीं होगा लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालु इसे कुंभ का स्नान मानकर चल रहे हैं. स्नान को लेकर प्रशासन की क्या तैयारियां हैं...पढ़ें इस रिपोर्ट में.
असमंजस की स्थिति
धर्मनगरी हरिद्वार कुंभ के लिए सज रही है लेकिन कुंभ कब शुरू होगा इसको लेकर अभी असमंजस की स्थिति है. सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया और साधु-संत कुंभ की तैयारी पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व है, ऐसे में साधु-संत 14 जनवरी से ही महाकुंभ की शुरुआत मान रहे हैं.
जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
मकर संक्रांति का स्नान कुंभ प्रशासन न कराकर जिला प्रशासन करा रहा है. जिला प्रशासन ने इसके लिए बकायदा एडवाइजरी जारी की है. कोरोना के इस दौर में मकर संक्रांति का पहला स्नान प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. हालांकि, जिलाधिकारी सी रविशंकर इसकी पूरी तैयारी की बात कह रहे हैं और खुद डीजीपी भी इसे चुनोती के रूप में देख रहे है.
कोरोना अभी गया नहीं है
मकर संक्रांति का पर्व सिर्फ शासन प्रशासन के लिए चुनोती नहीं है. कोरोना के इस दौर में साधु-संत भी इस स्नान को चुनौती के रूप में देख रहे हैं. साधु-संतों का साफ कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है इसलिए कोरोना के नियमों का पालन करना हमारा दायित्व है. मकर संक्रांति भी बड़ी चुनौती होगी इसलिए सभी को कोविड 19 की गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
लॉकडाउन के बाद पहला स्नान
लॉकडाउन के बाद हरिद्वार में मकर संक्रांति का स्नान सबसे बड़ा स्नान होगा. इससे पहले जो भी स्नान हुए हैं उन्हें स्थगित कर दिया गया या श्रद्धालुओं को स्नान करने की अनुमति नहीं दी गई. लेकिन, मकर संक्रांति का स्नान लॉकडाउन के बाद पहला स्नान होगा जिसमें श्रद्धालुओं को आने की इजाजत होगी. पुलिस और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है ऐसे में सभी श्रद्धालुओं को कोविड के नियमों का पालन कराना आसान नहीं होगा.
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