हरिद्वार में खूनी संघर्ष में युवक की मौत, मुख्य आरोपी, भाई-पिता सहित 6 लोग गिरफ्तार
Haridwar: उत्तराखंड हरिद्वार में दो पक्षों के बीच विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया. जहां एक युवक को कुछ आरोपियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें बनाई गई.

Uttarakhand News- हरिद्वार के पथरी थाना क्षेत्र में हुए खूनी संघर्ष में युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी जतिन चौधरी समेत उसके पिता, भाई और चार अन्य को 36 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से दो तमंचे और कारतूस बरामद हुए हैं. वहीं, जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी जतिन ने कुछ दिन पहले रुड़की में विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर भी फायरिंग की थी. पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है. अन्य फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है.
रविवार रात पथरी क्षेत्र के एक्कड़ रेलवे स्टेशन के पास दो पक्षों के बीच विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया. इस दौरान गोली लगने से बहादरपुर जट निवासी राजन की मौत हो गई. मृतक के भाई बाबूराम उर्फ अरुण ने पुलिस में तहरीर दी थी, जिसमें मुख्य आरोपी जतिन चौधरी, उसके भाई हर्ष चौधरी समेत 13 लोगों को नामजद किया गया था. तहरीर में कहा गया कि बाइक आगे निकालने को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद आरोपियों ने राजन को जातिसूचक शब्द कहते हुए गालियां दीं और उस पर हमला कर दिया.
मामले में हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने क्या बोला?
मुख्य आरोपी जतिन चौधरी ने तमंचे से फायरिंग कर राजन की जांघ में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने शव रखकर हंगामा किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. पुलिस अधिकारियों ने 36 घंटे के भीतर सभी मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया.
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोबाल के निर्देश पर सीओ लक्सर नताशा सिंह की अगुवाई में 10 टीमों का गठन किया गया. पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर मुख्य आरोपी जतिन चौधरी, उसके पिता बबीत चौधरी, भाई हर्ष चौधरी (निवासी ग्राम बहादरपुर जट), हर्ष मेहता (बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, पटना, बिहार), आर्यन तोमर (कंकरखेड़ा, मेरठ, यूपी) और हर्षित राठी (करहेड़ा, थाना भोपा, मुजफ्फरनगर) को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से दो तमंचे और कारतूस बरामद किए. मंगलवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
आरोपी जतिन चौधरी के खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी जतिन चौधरी ने कबूल किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रुड़की में विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर फायरिंग की थी. यह फायरिंग 26 फरवरी की सुबह की गई थी. आरोपी ने बताया कि करीब एक साल पहले उसने सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो वायरल किया था, जिसे लेकर विधायक उमेश कुमार ने उसका विरोध किया था. इसी रंजिश के चलते जतिन ने फायरिंग की थी.
थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपी जतिन चौधरी का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास है. उसके खिलाफ उत्तराखंड और यूपी के विभिन्न थानों में कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या का प्रयास, बलवा, आर्म्स एक्ट, धमकी, मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के मामले शामिल हैं.
- रानीपुर कोतवाली- हत्या का प्रयास, बलवा
- ज्वालापुर कोतवाली- बलवा, मारपीट, आर्म्स एक्ट
- देहरादून बसंत विहार थाने- हत्या का प्रयास, धमकी
- राजपुर थाना, देहरादून- हत्या के प्रयास का मामला
- कोतवाली नगर, देहरादून- महिला के खिलाफ अभद्रता
- पथरी थाना- बलवा, मारपीट, एससी-एसटी एक्ट, धमकी-गालीगलौज, शस्त्र अधिनियम और अब हत्या. अन्य आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी जुटाई जा रही है.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें बनाई गई
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी में 10 टीमों को लगाया गया था. टीम में सीओ लक्सर नताशा सिंह, एसओ पथरी रविंद्र कुमार, एसआई विपिन कुमार, रोहित कुमार, अजय कुमार, मुख्य आरक्षी वीरेंद्र पंवार, आरक्षी जितेंद्र पुंडीर, नवीन कुमार, रविदत्त भट्ट, दीपक चौधरी, मुकेश चौहान, सुखविंदर सिंह और नारायण राणा शामिल थे. इन सभी ने समयबद्ध कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस टीम को इस सराहनीय कार्य के लिए उचित इनाम दिया जाएगा.
पुलिस ने बताया कि आरोपी जतिन चौधरी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद को गंभीर घायल दिखाने की कोशिश की. उसने सिर और शरीर पर चोटें आने का बहाना बनाया और पेट में गोली लगने की बात कही. आरोपी को मेरठ अस्पताल ले जाने की योजना थी, लेकिन पुलिस ने उसे नारसन बॉर्डर पर ही रोक लिया. बाद में मेडिकल परीक्षण के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे गंभीर चोटें नहीं हैं. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
हरिद्वार में हुए इस खूनी संघर्ष ने एक बार फिर अपराधियों की बढ़ती गतिविधियों को उजागर किया है. पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद मिली है. वहीं, आरोपियों का लंबा आपराधिक इतिहास भी पुलिस के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है.
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