Haridwar News: उत्तराखंड में हरिद्वार नगर निगम बोर्ड बैठक (Haridwar Municipal Corporation board meeting)  का इतिहास रहा है कि बिना हंगामे के बैठक संभव नहीं होती है. आज हरिद्वार नगर निगम बोर्ड की बैठक भी हंगामे की भेंट चढ़ गई. बीजेपी पार्षद (BJP councilor) दल के नेता सुनील अग्रवाल उर्फ गुड्डू के नेतृत्व में बीजेपी पार्षद बैठक के दौरान ही धरने पर बैठ गए. बीजेपी पार्षदों का आरोप था कि मेयर (Haridwar mayor) पति अशोक शर्मा नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं. वहीं मेयर अनीता शर्मा द्वारा बीजेपी पार्षदों पर ही आरोप लगाया गया कि बीजेपी पार्षद बोर्ड बैठक में हंगामा करते हैं जिस कारण विकास के कार्यों के प्रस्ताव पास नहीं हो पाते. आज नगर निगम बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ जिसकी वजह से बैठक को बीच में ही स्थगित करना पड़ा. 


बीजेपी पार्षद दल के नेता ने क्या कहा
बीजेपी पार्षद दल के नेता सुनील अग्रवाल का कहना था कि नगर निगम बोर्ड की बैठक हुई थी उसमें प्रेम प्रकाश आश्रम का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया था, लेकिन मेयर और मेयर पति द्वारा मिलीभगत करके उस प्रस्ताव को निरस्त करने की बात कही गई और कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. उनको जानकारी नहीं है कि उस जमीन का मामला कोर्ट में विचाराधीन नहीं है. इनका कहना है कि पिछली बोर्ड की बैठक में टेंडर प्रक्रिया चल रही थी तब भी मेयर पति द्वारा हंगामा किया गया था. हमारा मेयर से कहना है कि उनके पति सड़कों पर कार्य करें ना कि नगर निगम में हस्तक्षेप करें. जनता के कार्य मेयर करेंगी ना कि मेयर पति. मेयर बीजेपी पार्षदों पर कार्य ना होने का ठीकरा फोड़ती हैं और अपने पति का बचाव करती हैं क्योंकि इनके पति इनकी चलने नहीं देते हैं.


बीजेपी की महिला पार्षद ने क्या कहा
नगर निगम की बीजेपी की महिला पार्षद मोनिका का कहना है कि, कुछ दिनों पहले फूलों के ठेके को लेकर मेयर पति का ऑडियो वायरल हुआ था. मेयर पति द्वारा निगम की बैठकों में हंगामा किया जाता है, साथ ही टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप भी किया जाता है. क्या मेयर अनीता शर्मा हमारी बातों का जवाब देने के लिए खुद सक्षम नहीं हैं. क्यों मेयर के पति अशोक शर्मा हर बात में आगे आते हैं. इनका कहना है कि मैं भी महिला पार्षद हूं और पढ़ी लिखी हूं. मैं अपने पति से सलाह जरूर लेती हूं मगर जनता का काम खुद ही करती हूं. हम मेयर अनीता शर्मा को सलाह देते हैं कि अपने पति को आगे ना करें, खुद जनता का कार्य करें.


आरोपों पर मेयर अनीता शर्मा ने क्या कहा
बीजेपी पार्षदों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर मेयर अनीता शर्मा का कहना है कि आज हुई बोर्ड की बैठक 26 नवंबर को होनी थी मगर बीजेपी पार्षदों द्वारा उस दिन भी बैठक नहीं होने दी गई और आज भी बीजेपी का नगर निगम में बहुमत है, इस कारण बीजेपी पार्षद बोर्ड की बैठक नहीं होने देते हैं. हमें जनता ने कार्य करने के लिए चुना है ना कि बैठक में हंगामा करने के लिए. मेयर का कहना है कि मेयर पति द्वारा नगर निगम के कार्य में बाधा नहीं डाली जाती है. वह जनता की सेवा करने का कार्य करते हैं. बीजेपी पार्षद कभी मेयर को बदनाम करने का कार्य करते हैं तो कभी मेयर पति को बदनाम करते हैं. हम चाहते हैं कि सभी मिलकर जनता के लिए काम करें.


मुख्य नगर आयुक्त ने इसपर क्या कहा
मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती का कहना है कि, पिछली नगर निगम बोर्ड की बैठक स्थगित हो गई थी. आज दोबारा से बैठक की गई मगर कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों द्वारा बैठक में हंगामा किया गया. बीजेपी पार्षदों द्वारा मेयर पति को लेकर हंगामा किया गया. हमारा कार्य है सरकार द्वारा जो निर्णय लिए गए हैं उसका पालन कराना, मेरे द्वारा बैठक में पूरी पारदर्शिता से कार्य किया गया ताकि विकास कार्य होते रहें. पूर्व में हुई कई बैठकों में कार्यों को लेकर निर्णय हुए हैं.


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