बांग्लादेश पर दबाव बनाने की मांग, मंदिर और घरों पर हमले के साथ हिंसा का विरोध तेज
Violence on Bangladeshi Hindus: हरिद्वार संत समाज और मानव अधिकार मंच की संयुक्त बैठक में बांग्लादेशी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं को रोकने की मांग की. इसमें कई दिग्गज शामिल हुए.
Haridwar News Today: हरिद्वार के संत समाज और मानव अधिकार मंच ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. इस ज्ञापन के माध्यम से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के मामले का संज्ञान लेते हुए इसे रोकने और हर तरह की सुरक्षा मुहैया कराने के लिए दबाव बनाने की मांग की गई है.
राष्ट्रपति को संबोधित इस ज्ञापन में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें अपने धर्म और संस्कृति के पालन करने की स्वतंत्रता देने के लिए बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाने की मांग की. ज्ञापन भेजने से पहले गरीबदासीय आश्रम में एक बैठक का आयोजन किया गया.
'बांग्लादेश में हिंदू मंदिर पर हमला'
इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों और घरों पर हमले, हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने कहा कि यह घटनाएं न केवल अत्यंत दुखद हैं, बल्कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की गंभीर अनदेखी को भी दर्शाती है.
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने दावा किया कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर कई हिंसक हमले हुए हैं. इस हमले के दौरान तोड़फोड़ की गई और मूर्तियों का नुकसान पहुंचाने के साथ आगजनी की गयी. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रही 59 फीसदी हिंसा मंदिरों पर केंद्रित रही.
स्वामी हरिचेतनानंद महाराज के मुताबिक, "पूजा के दौरान 69 मंदिरों पर हमले हुए. यह चिंताजनक विषय है." उन्होंने कहा, "ऐसे में भारत सरकार को हस्तक्षेप कर बांग्लादेश सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए दबाव बनाना चाहिए."
'1500 हिंदुओं को देना पड़ा इस्तीफा'
महंत रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के घरों में तोड़फोड़ कर उनकी संपत्ति को लूटा जा रहा है. कई लोगों की हत्या भी की गई है. उन्होंने कहा कि 1500 हिंदू शरणार्थियों को इस्तीफा देना पड़ा है. हिंदू समुदाय के लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जा रहा है.
महंत विष्णुदास, स्वामी रविदेव शास्त्री और स्वामी हरिहरानंद ने कहा कि बांग्लादेश सरकार इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रही है और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि इस गंभीर मुद्दे का संज्ञान लेते हुए बांग्लादेश सरकार को एक मजबूत संदेश भेजें.
10 दिसंबर को होगा प्रदर्शन
बैठक का संचालन करते हुए अनिल वर्मा ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को तुरंत रोकना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार, बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाले जिससे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने की स्वतंत्रता मिले.
अनिल वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय बांग्लादेश में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाए. बैठक में तय किया गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे पर 10 दिसंबर के ऋषिकुल चौक पर प्रदर्शन किया जाएगा.
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