(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand News: हरिद्वार-ऋषिकेश के मंदिरों में ड्रेस कोड लागू, अब इन कपड़ों में नहीं मिलेगी एंट्री
Uttarakhand Temple Dress Code: महानिर्वाणी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने यह घोषणा की थी कि मंदिरों की मर्यादा को बनाए रखने के लिए वस्त्रों की मर्यादा जरूरी है.
Dress Code In Uttarakhand: उत्तराखंड में हरिद्वार (Haridwar) के कनखल (Kankhal) स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर (Daksha Prajapati Mandir) और ऋषिकेश (Rishikesh) के नीलकंठ महादेव मंदिरों (Neelkanth Mahadev Temples) में ड्रेस कोड लागू हो गया है. यहां फटी जींस, हॉफ पैंट, मिनी स्कर्ट, नाइट शूट पहनकर आने वालों को मंदिर में किसी भी कीमत पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. महिला हो या पुरुष, अब अमर्यादित वस्त्रों में इन मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. विश्व प्रसिद्ध कांवड़ मेले (Kanwar Mela) से पहले यह फैसला लिया गया है.
दक्ष प्रजापति और नीलकंठ महादेव, दोनों ही मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से संचालित होते हैं. ऐसे में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने यह घोषणा की थी कि मंदिरों की मर्यादा को बनाए रखने के लिए वस्त्रों की मर्यादा जरूरी है. इसके बावजूद अक्सर अमर्यादित कपड़े पहन कर लोग मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच जाते थे, जिसके बाद दोनों ही मंदिरों में अखाड़े ने सख्त कदम उठाते हुए यहां बकायदा पोस्टर और साइन बोर्ड लगाकर श्रद्धालुओं को साफ चेतवानी दी है.
देश के सभी मंदिरों से की गई ये अपील
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक अगर फिर भी कोई ऐसे वस्त्र पहन कर आता है तो उसे मंदिर में बाहर से ही दर्शन करने होंगे. महंत रविंद्र पुरी के अनुसार जिन श्रद्धालुओं के शरीर 80 प्रतिशत से कम ढके होंगे, उनके लिए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने देश के सभी मंदिरों से ऐसा करने की अपील की है.
'कम कपड़ों की वजह से हो रही लव जिहाद जैसी घटनाएं'
बता दें कि इससे पहले रविंद्र पुरी ने कहा था कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में भी यह व्यवस्था लागू हो चुकी है कि कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं का मंदिरों में प्रवेश वर्जित होगा, क्योंकि यह नियम के खिलाफ होता है, इसलिए यहां पर भी इसका पालन होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कम कपड़ों के चलते ही लव जिहाद जैसी घटनाएं भी समाज में घटित हो रही हैं.
ये भी पढ़ें- Uttarakhand Char Dham: उत्तराखंड में चारों धाम सहित हेमकुंड में अब तक 127 लोगों की मौत, इस वजह से जान गंवा रहे यात्री