Haridwar News: हरिद्वार (Haridwar) का ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह जंगली हाथियों का आतंक जारी है. हरिद्वार का अधिकांश क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे होने के कारण लगातार जंगली हाथी इन इलाकों में अपनी दस्तक देते रहते है. इस वजह से जहां किसानों की फसल भी भारी मात्रा में बर्बाद हो जाती है, तो वहीं हाथियों के आने से लोगों में दहशत का माहौल बना रहता है. वन प्रभाग द्वारा जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से रोकने के लाख दावे किए जाते हैं, मगर उनके सारे दावे हवा-हवाई साबित होते हैं.


हरिद्वार में चिड़ियापुर श्यामपुर रसियावर्ल्ड और कनखल के जगजीतपुर क्षेत्र में हाथियों का आतंक बना हुआ है, आए दिन हाथी जंगल से निकलकर सड़कों और रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं, जिससे कभी भी कोई जनहानि हो सकती है, हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ मयंक शेखर झा का कहना है कि सर्दियों के सीजन में हाथी काफी संख्या में जंगल से बाहर आते हैं, क्योंकि गन्ने की खेती काफी मात्रा में होती है. 


'लोगों को डरने की जरूरत नहीं है'
वन प्रभाग द्वारा हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोकने के लिए कई टीमें बनाई गई है. हाथियों के आने की सूचना मिलते ही तुरंत वन प्रभाग की टीम मौके पर पहुंचकर हाथियों को जंगल की तरफ खदेड़ देती है. रात के वक्त भी पूरी मुस्तैदी से कार्य किया जा रहा है. हमारे द्वारा कुछ प्रस्ताव शासन को सोलर फेंसिंग के लिए भेजे गए हैं, जिसे हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोका जा सके. डीएफओ का कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि जब हाथी रिहाइशी इलाके में आते हैं तो वापस जंगल में चले भी जाते हैं. 


वन प्रभाग जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों में आने से रोकने के लाख दावे कर रहा है, मगर उसके बावजूद भी जंगली हाथी हर रोज रिहायशी इलाके में आ रहे हैं, जिस कारण लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. गनीमत यह है कि अभी तक हाथियों द्वारा कोई जनहानि नहीं की गई. अब देखना होगा वन प्रभाग कितनी मुस्तैदी से जंगली हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोकता है.


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