हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले के बाद हरिद्वार में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीज रोजाना भारी सांख्य में मिल रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में संक्रमित मरीजों की मौत भी हो रही है. स्थानीय लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी लॉकडाउन लगाया हुआ है. लॉकडाउन के कारण हरिद्वार के व्यापारी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.


आंदोलन की चेतावनी 
सोमवार को कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन से त्रस्त होकर व्यापारियों ने हरिद्वार स्थित संजय पुल पर बैठ कटोरा सामने रख भीख मांगकर अपना विरोध दर्ज कराया. लॉकडाउन की मार झेल रहे हरिद्वार के व्यपारियों ने राहत पैकेज देने की मांग भी की है. यही नहीं व्यपारियों ने चेतावनी भी दी है कि सरकार अगर उनकी कोई सुध नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में हरिद्वार के व्यपारी सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन भी करेंगे.


सरकार व्यपारियों के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले हरिद्वार हर की पौड़ी के पास स्थित संजय पुल पर भीख मांगने बैठे व्यपारियों का कहना है कि वो त्रस्त होकर भीख मांगने बैठे हैं. घर का गुजारा चलाने के लिए उन्हें यहां भीख भी नसीब नहीं हो रही है. मोदी सरकार व्यपारियों को कोई राहत नहीं दे रही है. सरकार लॉकडाउन पर लॉकडाउन लगा रही है. व्यपारी हर तरह के टैक्स सरकार को देते हैं, मगर आज जब व्यापारियों का परिवार संकट में है, व्यापारियों का बुरा हाल है तो सरकार व्यपारियों के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है.


राहत पैकेज की मांग 
व्यपारियों ने कहा कि अगर सरकार उनकी सुध नहीं लेती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जो प्रतिनिधि सरकार में व्यपारियों के जरिए चुनकर भेजे गए हैं वो भी व्यपारियो के साथ इस आपदा के समय में खड़े नजर नहीं आ रहे हैं. हरिद्वार के व्यपारियों को प्रशासन ने दो भाग में बांट दिया है. व्यपारियों के बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है, मांग है कि सरकार की तरफ से राहत पैकेज दिया जाए.


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