Uttarakhand Politics: उत्तराखंड कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं! हरीश रावत ने नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप, हरक सिंह रावत पर कही ये बात
Uttarakhand Politics: हरीश रावत ने कहा, हरक सिंह रावत को बीजेपी से निकाले जाने का दुख है. उनका बयान कांग्रेस को तकलीफ पहुंचा रहा है जबकि उन्हें लगा था वे BJP को लात मारकर आए हैं.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में कांग्रेस (Uttarakhand Congress) के बड़े नेताओं में जुबानी जंग जारी है. बीते सप्ताह प्रीतम सिंह, हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) और भुवन कापड़ी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने हरिद्वार स्थित जयाराम आश्रम में प्रेस वार्ता की थी. सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) हरिद्वार (Haridwar) के राधा कृष्ण धाम आश्रम में प्रेस वार्ता की और कांग्रेस नेताओं की उस प्रेस वार्ता पर सवाल उठाए.
हरीश रावत ने कहा कि जयाराम आश्रम में जुटने वाले कांग्रेस नेताओं में बहुत सारे ऐसे चेहरे भी शामिल थे जो चार साल और ग्यारह महीने तो कांग्रेस के साथ रहते हैं और चुनाव के एक महीने कांग्रेस उम्मीदवार को हराने का काम करते हैं. ऐसे चेहरे कांग्रेस के बड़े नेताओं के पीछे खड़े होते हैं तो बड़े नेताओं को इसकी चिंता करनी चाहिए.
हरक सिंह पर पलटवार
हरीश रावत ने कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत पर भी पलटवार किया. रावत ने तंज कसा कि हरक सिंह रावत को बीजेपी से निकाले जाने का दुख है और उन्होंने हरिद्वार में भी ये बयान दिया था. उनका ये बयान उन्हें ही नहीं पूरी कांग्रेस पार्टी को तकलीफ पहुंचा रहा है जबकि उन्हें लगा था कि हरक सिंह बीजेपी को लात मारकर कांग्रेस में आए हैं. उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत पहले कांग्रेस को मजबूत करें फिर हरीश रावत उन्हें अपना बड़ा दिल जरूर दिखाएंगे.
इसपर भी खड़े किए सवाल
वही कुछ दिन पहले हरक सिंह और महाराष्ट्र के राज्यपाल की मुलाकात पर सवाल खड़े करते हुए हरीश रावत ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या में भगत सिंह कोश्यारी का भी हाथ है और पूरी कांग्रेस की यही राय है. यदि कांग्रेस का कोई नेता उनसे मिलता है तो ये बड़े दुख की बात है.
कांवड़ मेले पर क्या कहा
इसके साथ ही हरीश रावत ने कांवड़ मेले की व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने तंज किया कि चार करोड़ कांवड़ियों के लिए डेढ़ सौ टॉयलेट बनाने की बात सरकार कर रही है जबकि इतने टॉयलेट तो 400 बारातियों के लिए भी नाकाफी हैं. चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं से राज्य के मुख्यमंत्री को सबक लेते हुए कांवड़ मेले की व्यवस्था करनी चाहिए.
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