Haridwar Wild Animals Attack: हरिद्वार के रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों के आने की घटनाओं में इजाफा हुआ है. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों का नुकसान तो हो ही रहा है. जगंली जानवरों के आगमन से स्थानीय लोगों में भी दहशत बनी हुई है. जबकि इसके लिए जिम्मेदार वन महकमा कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. 


दहशत के साये में स्थानीय निवासी 
हरिद्वार शहर का बड़ा क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व और हरिद्वार वन प्रभाग से सटा हुआ है. तमाम इंतजामों के बावजूद जंगली हाथी, गुलदार और नीलगाय जैसे जानवर यहां आ धमकते हैं. पिछले कुछ दिनों से रिहायशी इलाकों में जंगली जानवरों के घुसने की घटनाएं ज्यादा बढ़ गई हैं. वन विभाग के अफसरों का दावा है कि वे हर स्तर पर जानवरों को रोकने का प्रयास करते हैं, लेकिन कर्मचारी और संसाधनों की कमी के कारण इतना बड़ा क्षेत्र कवर कर पाना मुश्किल होता है. 


स्थानीय लोगों ने की सुरक्षा की मांग 
जंगली जानवरों के आबादी में आने से स्थानीय लोगों में दहशत बनी हुई है. वहीं जानवर किसानों की फसलों को भी आए दिन नुकसान पहुंचाते हैं. पिछले दिनों जमालपुर रेलवे फाटक के पास एक हाथी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत भी हो गई थी. वहीं बीएचईएल स्थित एक स्कूल में भी गुलदार आ जाने से स्कूली बच्चों की जान पर बन आई थी. जंगली जानवरों का आतंक जगजीतपुर से लेकर बीएचईएल तक फैला है. लोग इस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. 


इधर जंगली जानवरों की चहलकदमी पर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जानवरों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों से न जाने की अपील भी वन विभाग के अधिकारी कर रहे हैं. अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वन विभाग की टीम जल्द जानवरों का रेस्क्यू कर लेगी. 


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