(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand Election 2022: हरिद्वार में बेटी अनुपमा के लिए वोट मांगते वक्त भावुक हुए हरीश रावत, याद आई 2017 की हार
Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मंगलवार को हरिद्वार ग्रामीण में एक सभा को संबोधित किया और अपनी बेटी के लिए वोट मांगे, इस दौरान वो पुराने लोगों को देखकर भावुक हो गए.
Uttarakhand Election 2022: कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मंगलवार को अपनी बेटी अनुपमा रावत के दफ्तर का उद्घाटन किया. अनुपमा हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं. हरीश रावत ने यहां एक सभा को भी संबोधित किया और बेटी को जिताने के लिए अपील की. इस दौरान वो पुराने लोगों को देखकर भावुक भी हो गए. उन्हें 2017 में इस सीट पर मिली हार की याद आ गई. पिता को इमोशनल होते देख उनकी बेटी की आंखों में भी आंसू आ गए.
भावुक हुए हरीश रावत
हरीश रावत ने यहां के फेरुपुर में अनुपमा के मुख्य चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंचे हुए थे. हरीश रावत ने यहा पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे बहुत पुराने-पुराने साथी आए थे तो मैं भावनाओं में आकर थोड़ी बहुत बात कर गया. मैंने जो भी कहा हरिद्वार से जो मेरा संबंध है उसे देखते हुए कहा. मैं 22 साल से हरिद्वार और इस धरती की सेवा कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि 2017 में जो हार हुई थी उसका बदला मेरी बेटी चुकाएगी. भावुक होने की बात है तो मैंने अपने एक पुराने साथी को देखा तो रोक नहीं पाया, बड़ी मुश्किल से कंट्रोल किया वो भी रोने लगे थे.
बीएसपी पर लगाए आरोप
इसके साथ ही हरीश रावत ने आखिरी वक्त में बीएसपी के उम्मीदवार को बदल दिए जाने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा की बीएसपी को ये सोचना चाहिए की उसका लक्ष्य बीजेपी को हराना है या कांग्रेस को. उन्होंने ऐसे उम्मीदवार को घोषित किया है जो बीजेपी के लिए मुफीद है. लोग कहते हैं कि पैसे की वजह से ये हुआ लेकिन मैं इतना बड़ा आरोप नहीं लगाउंगा किसी पार्टी पर, लेकिन ये दुर्भाग्यजनक है.
अनुपमा रावत ने कही ये बात
इस दौरान अनुपमा रावत ने कहा कि रावत जी ने अपनी बात रखी है. कई वर्षों से यहां से हमारा भावनात्मक लगाव है. कई बार ऐसे पल आ जाते हैं जब इंसान इमोशनल हो जाता है, जो व्यक्ति दिल से सेवा करता है कई बार उसका फल नहीं मिला पाता है. उन्हें देखकर मुझे भी वो सब बातें याद आ गई. 2017 की हार और जीत का सवाल नहीं है. इस क्षेत्र में दिल से काम किए है. उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात का एहसास है. आज किसी भी गांव में चले जाईए, जो लोगों का आशीर्वाद है. लोग रात को निकलकर भी हमें आशीर्वाद देने आते हैं.
लोगों से मांगा समर्थन
हार का बदला लेने पर अनुपमा ने कहा कि जीत-हार मेरी परिपाटी कभी भी नहीं रही कि मैंने बदला लेना है, लेकिन मेरा उद्देश्य हमेशा से राजनीति में आने का रहा है. मेरी जो शिक्षा और दीक्षा रही मेरा यह रहा है कि मैं काम करूं. इसी के लिए मैंने राजनीति को चुना कि मुझे लोगों की सेवा करनी है और युवा होने के नाते भी महिला होने के नाते भी अगर मैं कुछ नया बदलाव ला सकती हूं और अपने राज्य के लिए कुछ कर सकूं यहां के लोगों के लिए कुछ कर सकूं तो मेरा जीवन उसमें बहुत सार्थक मानूंगी.
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