UP Assembly Election: 'सुदामा' के नाम से प्रसिद्ध एक नेता आज 'सुदामा' के वेशभूषा में अपना निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन करने पहुंचे हैं. नामांकन करने के बाद चंद्रमणि पांडे उर्फ सुदामा ने हाथों में थाली लेकर वहां मौजूद लोगों से वोट के रूप में भीख मांगना शुरू कर दिया. तभी कप्तानगंज के विधायक और बीजेपी के कैंडिडेट चंद्र प्रकाश शुक्ला इस निर्धन और निर्दल उम्मीदवार सुदामा के थाली में 501 रुपए भीख के तौर पर थमा भी दिया. दरअसल चंद्रमणि पांडे पिछले विधानसभा चुनाव में भी सुदामा के वेशभूषा में पहली बार अपना नामांकन करने पहुंचे थे. वह लगातार इसी वेशभूषा में रहकर हरैया विधानसभा सीट के लिए अपनी राजनीति करते आ रहे हैं.


कई मुद्दों पर कर चुके हैं अपनी आवाज बुलंद


चंद्रमणि पांडे उर्फ सुदामा का मानना है कि अन्य दलों के नेता वोट लेकर जनता को खैरात के तौर पर सरकारी योजनाओं का लाभ देते हैं. जबकि वह अपने क्षेत्र की जनता से खैरात नहीं बल्कि उनसे आशीर्वाद चाहते हैं ताकि वह भी हरैया विधानसभा का विधायक बन जनता के लिए लड़ सके. चंद्रमणि पांडे और सुदामा का व्यक्तित्व शुरू से ही लड़ाकू रहा है. सरयू नदी के किनारे बसे बाढ़ प्रभावित गांवों को बचाने से लेकर इलाहाबाद बैंक में फंसे सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपए वापस कराने, अमहट फूल के लिए जल सत्याग्रह, किसानों के लिए धरना प्रदर्शन ऐसे कई जनहित के मुद्दों पर अपनी आवाज मुखर की है और जनता को उनका अधिकार भी दिलाया है.


हरैया विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भरा नामांकन


हरैया विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन करने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर पहुंचे चंद्रमणि पांडे उर्फ सुदामा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जनता का आशीर्वाद लेने और जनता के आशीर्वाद के जरिए वे उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचना चाहते हैं. जनहित के मुद्दों पर वह हमेशा जनता की आवाज बने हैं. अगर वो विधायक बनते हैं तो भी वे लगातार हरैया विधानसभा की जनता के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे.


हाथ में थाली लेकर नामांकन करने पहुंचे थे


हाथ में थाली लेकर नामांकन करने के सवाल पर चंद्रमणि पांडे ने कहा कि बड़े-बड़े नेता जनता से वोट मांगते हैं और उन्हें खैरात के तौर पर सरकारी योजनाओं का लाभ देते हैं. लेकिन वे जनता के बीच थाली लेकर इसलिए आए हैं ताकि जनता उन पर विश्वास करे कि वह विधायक बनने के बाद जनता के लिए ही काम करेंगे और उन्हें खैरात नहीं बल्कि जनता का आशीर्वाद चाहिए. उदाहरण देते हुए चंद्रमणि पांडे ने कहा कि रा से राम होता है और राम ने रावण को मारा था, क से कृष्ण होता है और कृष्ण ने कंस को मारा था. इसलिए उनका नाम सुदामा है और सत्ता को परास्त कर वो भी नेता बनेंगे. 


बहरहाल अब यह तो आने वाले 10 मार्च को ही पता लगेगा कि चंद्रमणि पांडे उर्फ सुदामा का यह ड्रामा जनता पर कितना असर डाल पाता है और सुदामा की किस्मत में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में जाने का योग बनता है या नहीं.


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