चंडीगढ़, एबीपी गंगा। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। रुझानों के मुताबिक किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। भाजपा 37 सीट व कांग्रेस 34 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) 11 सीटों के साथ किंगमेकर की भूमिका में दिख रही है। दुष्यंत चौटाला की अगुवाई में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। दूसरी तरफ अभय चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) को सिर्फ दो सीटों पर ही बढ़त हासिल है। देश के दिग्गज नेता व उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल के पुत्र ओमप्रकाश चौटाला के दोनों पुत्रों, अजय और अभय चौटाला के बीच राजनीतिक बंटवारे के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है। अब तक के रुझान के अनुसार हरियाणा की जनता ने चौधरी देवीलाल की सियासी विरासत अजय चौटाला के पुत्र दुष्यंत चौटाला को ही सौंपने का मन बनाकर अभय चौटाला से मुंह मोड़ लिया है।


हरियाणा की जनता ने जेजेपी को हाथों हाथ लिया
गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर में जब आईएनएलडी से निकलकर जेजेपी बनी तो पहली ही बड़ी परीक्षा में हरियाणा की जनता ने बता दिया था कि उसका रुख किस तरफ है। जेजेपी ने अपनी ताकत का एहसास पहली बार तब कराया जब जींद विधानसभा के लिए इस साल 28 जनवरी को उपचुनाव हुए। भाजपा, कांग्रेस, आईएनएलडी के साथ लड़ाई में दुष्यंत के छोटे भाई दिग्विजय ने जेजेपी उम्मीदवार के तौर पर 37,631 वोट हासिल किए जबकि 2014 में इस सीट पर जीत हासिल करने वाली आईएनएलडी को महज 3,454 वोट से संतोष करना पड़ा। 2014 के विधानसभा चुनावों में आईएनएलडी को पूरे हरियाणा में 19 सीटें मिली थीं।