BSP News: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने वाली बहुजन समाज पार्टी ने राज्य में अपने सहयोगी दल इंडियन नेशनल लोकदल पर ही सवाल उठा दिए हैं. अपने बयान के जरिए उन्होंने बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने दावा किया है कि चौटाला परिवार से जुड़े वोट में फूट थी और इसका फायदा बीजेपी को हुआ. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, देश में इस बार 18वीं लोकसभा के चुनाव में खासकर कांग्रेस के INDIA गठबंधन ने संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ आदि का हथकंडा इस्तेमाल करके इसकी आड़ में देश के विशेषकर भोले-भाले SC-ST और OBC लोगों को गुमराह करके, उनका वोट लेकर अपने गठबंधन को मजबूत बना लिया है जिससे हमारी जैसी और पार्टियों को भी काफी नुकसान हुआ है.


यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि इन चुनावों के बाद हुए जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में हमारी पार्टी इनके और भी हथकंडों और षड्यंत्रों से अपने लोगों को बाहर नहीं निकाल पाई जिससे पार्टी को इन चुनावों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है.


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बसपा चीफ ने कहा कि अब हमें अपनी विशेष रणनीति बनानी होगी.हमे पहले की तरह बीच-बीच में कैडर के जरिए इनके ऐसे सभी हथकंडों और षड्यंत्रों से लोगों को सावधान करते रहना जरूरी है. तभी हमारी पार्टी आगे चलकर पुन: बेहतर स्थिति में आ सकती है.


उन्होंने कहा कि जाट समाज का वोट BSP उम्मीदवारों को बिल्कुल नहीं मिला जबकि BSP का दलित वोट पूरा INLD को ट्रांसफर हुआ है.चौटाला परिवार से जुड़ा जाट समाज का वोट इनमें आपस में फूट होने के कारण इसका लाभ भाजपा को मिला है. इस बार हरियाणा का चुनाव जाट और गैर-जाट समाज में बटकर रह गया.BSP को इससे काफी नुकसान हुआ है.


'किसान विरोधी नीतियों से खुश नहीं...'
बसपा चीफ ने कहा 'हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के कल के चुनाव नतीजों में हमारी पार्टी की स्थिति के बारे में मैं यही कहना चाहूंगी कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है.कृषि से जुड़े लोग, खासकर जाट समुदाय, राज्य और केंद्र की किसान विरोधी नीतियों और कामों से खुश नहीं हैं.वे अभी भी खुश नहीं हैं इसलिए जाट समुदाय के अधिकांश वोट कांग्रेस पार्टी को मिले.इसलिए बीएसपी-INLD गठबंधन ने चौटाला परिवार में मची कलह के कारण उनसे जुड़े जाट समुदाय के वोटों का लाभ भाजपा को मिला.'


उन्होंने कहा 'इस कलह के बीच गैर-जाट समुदाय के वोट भी भाजपा को मिले.इस तरह भाजपा यहां एक बार फिर सत्ता में आ गई.इस तरह यह  हरियाणा चुनाव जाट और गैर-जाट समुदायों के बीच बंटा रहा.इससे बसपा को काफी नुकसान हुआ. यूपी में जाट समुदाय की जातिवादी मानसिकता बसपा के कारण काफी हद तक बदल गई है, लेकिन हरियाणा में नहीं बदली - दलितों के प्रति उनकी मानसिकता पूरी तरह नहीं बदली.'