Haryana Politics: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन का दौर जारी है. राज्य में 5 अक्टूबर को मतदान होंगे और 8 अक्टूबर को परिणाम आएंगे. इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह के दावे ने सियासी हलचल मचा दी है. सपा नेता ने दावा किया है कि राज्य में संवैधानिक संकट आ गया है.


सोशल मीडिया साइट एक्स पर आईपी सिंह ने लिखा कि हरियाणा में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है हरियाणा में राष्ट्रीय शासन लगे.  मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सदन में बिना बहुमत सिद्ध किये वे मुख्यमंत्री नहीं रह सकते लिहाजा उन्हें इस्तीफा देना होगा ऐसी सूरत में राष्ट्रपति शासन लगे.


सपा नेता की प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है जब यह दावा किया जा रहा है कि हरियाणा विधानसभा गुरुवार को भंग हो सकती है. सूत्रों के अनुसार हरियाणा कैबिनेट को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक हरियाणा सरकार राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है. 


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीते विधानसभा सत्र को कल छह महीने पूरे होंगे. छह महीने की अंदर विधानसभा सत्र न होने पर सरकार विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है. आखिरी विधानसभा सत्र 13 मार्च को हुआ था. संविधानिक तौर पर सत्र में छह महीने का अंतर होना चाहिए. पिछला सत्र 13 मार्च को हुआ था और 12 सितंबर तक सेशन बुलाना जरूरी है ऐसे में यदि नहीं होता है तो यह संविधान का उल्लंघन होगा.






सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कैबिनेट की बैठक गुरुवार को हो सकती है. इस बैठक में विधानसभा को भंग करने का प्रस्ताव पारित हो सकता है. अगर सत्र नहीं बुलाया जाता तो विधानसभा भंग करके कार्यवाहक सरकार बनानी पड़ेगी.  अब सरकार के पास दो विकल्प हैं.  या तो राज्य सरकार सत्र आहूत करे या विधानसभा भंग करने की सिफारिश करें.अगर यह सिफारिश मानी जाती है तो विधायकों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा.  विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल मौजूदा सीएम को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाए रख सकते हैं. 


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