आगरा: जब किसी शख्स का जुनून हद से गुजर जाए तो उस व्यक्ति की पहचान बन जाती है. ये बात पूरी तरह सटीक बैठती है हसनूराम अम्बेडकरी पर. उम्र है 74 साल और इस बार जिला पंचायत चुनाव में दावेदारी ठोंक रहे हैं. आपको बता दें कि, ये उनका पहला चुनाव नहीं है बल्कि 93वां चुनाव है. भले ही वो अभी तक कोई चुनाव नहीं जीते हैं, लेकिन उन्हें इस बात को फख्र है कि संविधान ने उन्हें चुनाव लड़ने का जो अधिकार दिया है. 74 वर्ष की उम्र की दहलीज पर खड़ा ये व्यक्ति दशकों से लगातार चुनावी रण क्षेत्र में उतरता आया है. आगरा के खेरागढ़ तहसील के राम नगर गांव के रहने वाले हसनूराम का चुनाव लड़ने का जोश और जुनून अपने आप में मिसाल है.


लगातार हारते रहे लेकिन चुनाव लड़ते रहे


आगरा में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए वार्ड 30 से इस बार जिला पंचायत की निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दावेदारी कर रहे हैं. 1984-85 के दौर में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा और उसके बाद चुनाव हारते चले गए लेकिन चुनाव लडना नहीं छोड़ा. यही नहीं, उनकी पत्नी भी चुनाव लड़ चुकी हैं. इस बार उनकी पत्नी सूरमा देवी ने भी नगला दूल्हे खां से प्रधानी के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है.


राष्ट्रपति से लेकर ग्राम प्रधान तक का लड़ चुके हैं चुनाव


हसनूराम 1984 से अब तक लगातार चुनाव लड़ रहे हैं. 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आवेदन किया था, लेकिन पर्चा खारिज हो गया. इसके बाद वो लोकसभा, विधानसभा से लेकर जिला पंचायत और अन्य चुनाव हर बार लड़ते रहे. साल 2020 में एमएलसी चुनाव में उन्होंने शिक्षक और स्नातक दोनों सीट से चुनाव लड़ा है.


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