Azam Khan: समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान को रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में 3 साल की सजा सुनाई है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण को लेकर कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और तीन साल के लिए जेल की सजा के साथ 25 हजार का जुर्माना लगाया है. हालांकि, सजा के एलान के कुछ ही समय बाद आजम खान को जमानत भी मिल गई. कोर्ट के बाहर आकर आजम खान ने पहला बयान दिया.


आजम खान ने कहा, "मैं बेल पर हूं इंसाफ का कायल हो गया हूं. हिम्मत नहीं हारा हूं. अभी दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, लड़ाई जारी रहेगी. अभी कानूनी रास्ते खुले हैं. अब ऊपरी अदालत में अपील करेंगे."


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रामपुर की सदर सीट पर होगा उपचुनाव
आजम खान को धारा 153A, 505A और 125 के तहत दोषी पाया गया है. ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई है. जानकारी के लिए बता दें कि विधानसभा में सदस्यता पाने का नियम है कि विधायक पर कोई ऐसा बड़ा मुकदमा न हो, जिसपर दो साल या उससे ज्यादा की सजा हो. अगर ऐसा होता है तो विधायक की सदस्यता तय समय तक के लिए रद्द कर दी जाएगी और खाली हुई विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. 


आजम खान पर 6 साल तक के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते. यह आजम खान के राजनीतिक करियर में एक बड़ा रोड़ा है और यूपी निकाय चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ी बाधा भी. 


दोषी करार होने पर यूपी के इन विधायकों की सदस्यता भी जा चुकी है-
1. जून 2019 - अशोक कुमार सिंह चंदेल, बीजेपी विधायक, हमीरपुर
2. दिसंबर 2019 - कुलदीप सिंह सेंगर, बीजेपी विधायक, बांगरमऊ (उन्नाव)
3. दिसंबर 2021 - इंद्र प्रताप तिवारी, बीजेपी विधायक, गोसाईगंज (अयोध्या), यूपी


2019 में हुआ था हेट स्पीच केस
जानकारी के लिए बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कैंपेन के दौरान आजम खान मिलक विधानसभा के एक गांव में जनसंबोधन कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन डीएम, प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर दिया था, जो अमर्यादित थी. इसको लेकर 27 जुलाई 2019 को बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था. 3 साल बाद, इस मामले में आजम खान को दोषी पाया गया और उनका राजनीतिक करियर संकट में चला गया.