हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस के नौजरपुर में पुरानी रंजिश के चलते हुए विवाद में कुछ युवकों ने मिलकर 50 साल के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि गौरव शर्मा ने ढाई साल पहले उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसकी एफआईआर करवाई थी, जिसके बाद गौरव को गिरफ्तार कर लिया था. वह 15 दिन तक जेल में रह था. अब वह केस वापस लेने का दबाव बना रहा था.
सोमवार के दिन में मृतक की पत्नी और दोनों बेटियां पथवारी मंदिर गयीं थी. जहां पर गौरव की मौसी और पत्नी पहले से थे. वे लोग मृतक की पत्नी और बेटियों के साथ बदतमीजी करने लगे जिसके बाद झगड़े की शुरुआत हुई. वहीं पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं. पुलिस की तत्परता के साथ साथ कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं.
बेटी ने क्या बताया?
सोमवार दोपहर को हम लोग माता के मंदिर गए हुए थे. मैं मेरी मम्मी, मेरी बहन. मेरे पापा खेत गए थे. वहां पर पहले से ही कुछ औरतें थी, जहां गौरव शर्मा की मौसी व पत्नी थे. वे लोग हमें देख कर हमसे अपशब्द बोलने लगे और गलत बात बोलने लगे. हमने उनकी बात को अनसुना भी करना चाहा, लेकिन फिर भी वह बदतमीजी करते रहे. मेरे पापा भी खेत से आ गए और उन्होंने भी उन महिलाओं को चुप रहने के लिए कहा, लेकिन वे मानी नहीं.
बेटी ने आगे कहा कि इसके बाद हम पापा के साथ खेत पर चले गए. मेरे पापा ने पुलिस को फोन किया तो दीवान ने कहा कि आप 112 नंबर पर कॉल कर दो मुझे अभी आने में समय लग जाएगा. फिर हमने 112 नंबर पर कॉल किया और इसके बाद हम पापा के साथ खेत पर बैठ गए. इतने में गौरव शर्मा की मौसी ने गौरव को फोन करके बुला लिया. गौरव का फोन मेरे पापा के पास आया और वह लड़ने जैसी आवाज में बात करके कहने लगा कि मैं अभी खेत पर आ रहा हूं. फिर देखता हूं. मेरे पापा ने कहा कि इससे पहले भी वह इस तरीके से आ चुका है, क्योंकि जुलाई 2018 में गौरव ने मेरे साथ छेड़खानी की थी, जिसकी हमने एफआईआर भी करवाई थी.
उन्होंने आगे कहा कि उसके बाद गौरव कुछ दिन जेल भी रहा था और फिर बाहर आकर हम पर दबाव बना रहा था कि इस केस को वापस ले ले. कल लगभग 3:30 - 4 बजे गौरव अपने 5 साथियों के साथ आया और उसने मेरे पापा पर गोली चलानी शुरू कर दी. दोनों पैरों में गोली मारी, सर में गोली मारी, छाती और हाथ पर. इसके बाद वह फरार हो गया. एक आरोपी अभी पकड़ा गया है. हमें इंसाफ चाहिए.
चश्मदीद ने क्या देखा?
इस घटना के चश्मदीद ने जो बताया वह बेहद ही सनसनीखेज है. उन्होंने कहा कि मैं उस समय खेत पर ही मौजूद था. मैं उनके(मृतक) खेत पर काम कर रहा था. आलू निकाले जा रहे थे. 3:15 - 3:30 बजे की बात है. चार लड़के यहां पर आए और चारों ने गोली चलाई है. 10 से 15 राउंड गोली चलाई गई थी. हवाई फायर भी किए थे. मैंने जब अपने फोन से पुलिस को कॉल करने के लिए 112 नंबर पर फोन मिलाया, तो तीन बार फोन करने पर भी फोन नहीं मिला. उससे पहले मैंने 102 नंबर पर फोन मिलाया था, तो मुझे बताया गया था कि पुलिस के लिए 112 नंबर पर डायल करो. फोन नहीं लग रहा था. इसी बीच जो हमलावर है, उनकी नजर मुझ पर पड़ी और उन्होंने जब देखा कि मेरा फोन मेरे हाथ में और मैं किसी को फोन कर रहा हूँ तो मुझ पर भी गोलियां चलाई गयीं. मैं बच गया. वहां से हट गया. हमलावर यहां से कार में बैठकर फरार हो गए.
सफेद कार में सवार होकर फरार हुए थे हत्यारे
एक व्यक्ति जो ततारपुर गांव का रहने वाला है. उसका कहना है कि जो हमलावर थे, वे सफेद रंग की कार में थे और हमारे गांव के रास्ते से होकर भागे थे. मैंने कार देखी थी. बहुत तेजी से निकली. इससे ज्यादा मैंने नहीं देखा है.
पुलिस समय पर आती तो नहीं होती हत्या
हाथरस के नौजरपुर गांव में 50 साल के व्यक्ति की हत्या के मामले में हाथरस पुलिस ने अभी तक सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम ललित शर्मा है. आपको बता दें कि इस हत्याकांड को सोमवार दोपहर को अंजाम दिया गया था. जिस समय 50 वर्षीय व्यक्ति अपने खेत में काम कर रहे थे. उस समय उनकी दो बेटी और पत्नी भी खेत पर ही मौजूद थी. तभी गौरव शर्मा नाम का एक व्यक्ति अपने तीन साथियों के साथ खेत पर पहुंचता है और उन पर कई गोलियां चलाता है. अगर हम प्रत्यक्षदर्शी की बात को मानें तो उसका दावा है कि हमलावरों ने 15 गोलियां चलाई थी, जिसमें से दो गोली उस पर भी चलाई गई थी, लेकिन मैं बाल-बाल बच गया.
वहीं जो पीड़ित परिवार है, जो मृतक हैं उनकी बेटी का यह आरोप है कि सोमवार दोपहर को जब इस झगड़े की शुरुआत हुई थी तो उसके पिता ने स्थानीय थाने के दीवान को फोन करके मदद मांगी थी, लेकिन दीवान ने यह कह दिया था कि वह अभी दूर है और समय लगेगा. इसलिए आप 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस हेल्पलाइन से मदद मांग लीजिए.
इसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर कॉल किया लेकिन बात नहीं हो पाई. मृतक की बेटी का यह भी आरोप है कि उन्होंने भी 112 नंबर पर कई बार फोन किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली. अगर समय रहते पुलिस की मदद मिल जाती तो आज उसके सर पर उसके पिता का साया होता. अगर हम इस पूरे मामले की बात करें तो इस पूरे विवाद की शुरुआत जुलाई 2018 से होती है, जब गौरव शर्मा के खिलाफ मृतक की बेटी के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगा था और इस मामले में गौरव शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और उसे गिरफ्तार भी किया गया था. 15 दिन बाद गौरव को जमानत मिल गई थी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आ गया था लेकिन पीड़ित परिवार का यह आरोप है कि गौरव शर्मा लगातार उन पर केस वापस लेने का दबाव बना रहा था और यही वजह भी है, जो अब उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है.
एसपी हाथरस ने क्या कहा?
हमने जब इस पूरे मामले पर हाथरस जिले के एसपी विनीत जैसवाल से बात करके उनका पक्ष जानना चाहा कि पीड़ित परिवार यह आरोप लगा रहा है कि समय रहते पुलिस की मदद नहीं मिली है, तो इस पर उनका कहना था कि मैं सोमवार को पीड़ित परिवार के साथ ही था और मंगलवार दोपहर बाद जब तक अंतिम संस्कार नहीं हो गया, मैं पीड़ित परिवार के साथ ही था. तब तक मेरे संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं आई है और अभी हमारा पूरा ध्यान जो आरोपी फरार है उनको गिरफ्तार करने पर है.