नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई अपनी जांच की स्टेट्स रिपोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट को दे. इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग हाई कोर्ट करेगा. वहीं, केस दिल्ली ट्रांसफर करने का मसला जांच पूरी होने के बाद तय किया जाएगा. इसपर अभी विचार नहीं होगा.


SC ने मांगी थी परिवार की सुरक्षा की जानकारी


पिछली बार मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूपी सरकार से पीड़ित परिवार को दी गई सुरक्षा पर जानकारी मांगी थी. इसका जवाब देते हुए यूपी सरकार ने बताया था कि गांव के बाहरगांव के भीतर और पीड़ित परिवार के घर के बाहरपुलिस और राज्य सैनिक बल के जवान बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं. परिवार के सभी सदस्यों को निजी सुरक्षाकर्मी भी दिए गए हैं. घर के बाहर 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.


सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के मौजूदा या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में SIT के गठन की भी मांग उठी. जवाब में यूपी सरकार ने कहा कि उसकी सिफारिश पर CBI ने जांच का ज़िम्मा संभाल लिया है. कोर्ट अगर किसी SIT का गठन करना चाहता हैतो इस पर भी राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.


पीड़ित परिवार की मांग- दिल्ली ट्रांसफर हो केस


पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर करने और सीबीआई जांच की सुप्रीम कोर्ट से मॉनिटरिंग की मांग की थी. यूपी सरकार के लिए पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह मामले की जांच की निगरानी करे. उसे समय सीमा में पूरा करने को लेकर आदेश दे.


क्या है हाथरस कांड ?


यूपी के हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ चार युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था. इसके कई दिनों बाद दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया. प्रशासन ने 30 सितंबर को पीड़िता के घर के नजदीक ही उसकी रातों-रात अंत्येष्टि कर दी थी. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उनकी इच्छा के पूछे बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया. शव को देखने तक नहीं दिया. वहीं पुलिस का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया. योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी. बाद में राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच की सिफारिश की.


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