हाथरस केसः उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद पूरा देश आक्रोश में है और गुनगारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है. अब इस मामले में जहां उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था वहीं पीड़िता के परिवार का आरोप है कि उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि वो इस मामले में चुप रहें


युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि युवती की रीढ़ की हड्डी पर भी चोट के निशान थे और इसके साथ उसके प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचा है, लेकिन उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये कहा गया है कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ था.


उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार का दावा है कि पीड़िता के शरीर में कोई शुक्राणु नहीं मिला है लिहाजा रेप की पुष्टि नहीं की जा सकती है. इसी को आधार बनाते हुए उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट से साबित होता है कि पीड़िता का रेप नहीं हुआ था.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा-नहीं हुआ रेप


युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि उसके प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचा है लेकिन इसके आधार पर ये नहीं कहा जा सकता है कि उसके साथ रेप हुआ होगा. दरअसल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये लिखा गया है कि पीड़िता की गर्दन टूट गई थी, उसके शरीर की कई हड्डियां टूटी हुईं थी और पीड़िता के गले पर जो चोट का निशान था उससे साबित होता है कि उसकी गर्दन दबाने का भी प्रयास किया था.


पीड़िता के शरीर पर जो चोट के निशान थे उनमें इंफेक्शन होना शुरू हो गया था और शरीर सड़ने लगा था. जब पीड़िता की मौत हो गई तो उसके मरने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी.


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