(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हाथरस केस: CBI की चार्जशीट के बाद प्रियंका गांधी बोलीं- सत्यमेव जयते
प्रियंका गांधी ने कहा, पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं. परिवार को धमकाया गया. लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई. सत्यमेव जयते.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती से गैंगरेप और उसकी हत्या के मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ आज चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या की बात कही गई है. इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है.
प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था. दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी. पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया. पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं. परिवार को धमकाया गया. लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई. सत्यमेव जयते.''
एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था। दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी। पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया। पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं। परिवार को धमकाया गया। लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई। सत्यमेव जयते#HathrasCase pic.twitter.com/X4qD0BVjjs
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 18, 2020
बता दें कि हाथरस केस के बाद कांग्रेस पार्टी ने योगी सरकार को जमकर निशाने पर लिया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस पीड़िता के परिवार से भी मिलने पहुंचे थे. लेकिन यह पहले प्रयास में संभव नहीं हो पाया था. पहली बार जब कांग्रेस के ये दोनों नेता हाथरस जा रहे थे तो इन्हें बीच रास्ते में ही यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक दलित युवती से कथित गैंगरेप और उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चार आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया. आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ गैंगरेप और हत्या के आरोप लगाए हैं व हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है.
उल्लेखनीय है कि हाथरस में इस दलित युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर रेप किया था. इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी. युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था.
विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा, ''अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई.'' अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले के आरोपियों- संदीप, लवकुश, रवि और रामू की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला (लैबोरेट्री) में आरोपियों की विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई है.
सीबीआई के जांचकर्ता जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सकों से भी मिले. कथित गैंगरेप की घटना के बाद पीड़िता को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को व्यापक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था. बाद में, यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया.
सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद (यूपी) इकाई को सौंपा था. टीम, पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है.
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