हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की शिकार युवती की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों में गुस्सा है और मामले को लेकर सियासत भी चरम पर है. पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी को हाथरस जाने से रोक दिया है. लेकिन इस बीच पीड़ित परिवार को हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लगभग धमकाते हुए अंदाज में नजर आए हैं. डीएम प्रवीण कुमार ने पीड़ित परिवार से कहा है कि आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करिए. मीडिया वाले चले जाएंगे. हम ही आप के साथ खड़े हैं. अब आपको बार-बार बयान बदलना है कि नहीं, कहीं हम भी न बदल जाएं.
ट्वीट कर दिया था मुआवजे की रकम का हिसाब
बता दें कि इससे पहले भी हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार एक ट्वीट कर लोगों के निशाने पर आ चुके हैं. 29 सितंबर को ट्वीट कर जिलाधिकारी ने पीड़िता के परिवार को दी गई मुआवजे की रकम का हिसाब दिया था. डीएम ने ट्वीट किया था कि, ''चंदपा थाना वाले प्रकरण में पीड़िता के परिजनों को पूर्व में 4,12,500 रुपए की आर्थिक सहायता दी गई थी. आज 5,87,500 रुपए की सहायता और दी जा रही है. इस प्रकार कुल 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की गई है.'' लोगों ने जिलाधिकारी के इस ट्वीट को संवेदनहीन करार दिया था.
सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट
गौरतलब है कि, हाथरस गैंगरेप पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और हड्डियां भी टूटी हुई हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा होता है कि पीड़िता के साथ किस तरह की दरिंदगी की गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता की जीभ काट दी गई थी और उसके गले, रीढ़ की हड्डी को भी आरोपियों ने तोड़ दिया था. ये रिपोर्ट दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की तरफ से जारी की गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार एक बार नहीं बल्कि, कई बार पीड़िता का गला दबाने की कोशिश की गई थी.
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