Hathras Crime News: हाथरस जंक्शन के गांव गढ़ी बलना में दो सगे भाईयों की हत्या के मामले में मंगलवार को एडीजे एफटीसी प्रथम कोर्ट ने 11 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर अर्थदंड लगाया है. एडीजीसी शिवेंद्र प्रताप सिंह चौहान के मुताबिक मामला नौ जून 2018 का है. गढ़ी बलना निवासी राजकुमार ने कोतवाली हाथरस जंक्शन में 11 लोगों के खिलाफ अपने दो सगे भाईयों की गोलियों से भूनकर हत्या कर डालने का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ हत्या,बलवा और जानलेवा हमले की धाराओं में आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया. 


इस मामले की सुनवाई एडीजे एफटीसी प्रथम महेन्द्र श्रीवास्तव की अदालत में चल रही थी. राजकुमार धाकरे पुत्र सियाराम ने मुकदमा दर्ज कराते हुए कहा कि उसकी गांव के यशोधन सिंह से पुरानी दुश्मनी चली आ रही है. नौ जून को वह गांव के ही एक व्यक्ति के घर पर जन्मदिन पार्टी में गया था. वहां यशोधन सिंह और उसके पूरे परिजनों ने हमला बोल दिया. वह भागता हुआ घर आया तो हमलावरों ने गोलियों की बरसात सी कर डाली. इसमें उसे भाई नेत्रपाल और प्रताप सिंह दोनों की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई. जबकि गोली लगने से वह गंभीर रुप से घायल हो गया.


कोर्ट ने आरोपी को सुनाया उम्रकैद की सजा
सारे गवाह और सबूत के आधार पर कोर्ट ने यशोधन सिंह राजन सिंह, गजेन्द्र सिंह, संदीप कुमार, हरेन्द्र, पुष्पेन्द्र, शीलेन्द्र सिंह, अजय कुमार, अशोक कुमार, पवन सिसोदिया और सतेन्द्र सिंह को धारा 302,307 सहित अन्य धाराओं में उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही सभी अभियुक्तों पर जुर्माना लगाया है. 


परिवार के ही सदस्य थे मुकदमे में गवाह 
वादी के अधिवक्ता यज्ञदत्त गौतम का कहना है कि मुकदमे में परिवार के सदस्य गवाह थे. इसमें राजकुमार,देवेन्द्र सिंह और मृतक प्रताप सिंह की पत्नी हेमलता के साथ-साथ मृतक प्रताप सिंह का बेटा चश्मदीद गवाह थे. हेमलता की अपने पति की मृत्यु के उपरांत मौत हो चुकी है. बाकी तीन लोगों ने पूरी गवाह दी और उसी के चलते 11 लोगों को उम्रकैद की सजा हो गई.    


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