UP News: यूपी के हाथरस (Hathras) में गौशाला (Cowshed) सिर्फ सेवा का ही नहीं महिलाओं लिए रोजगार (Women Employment) का साधन बन गई है. गाय के गोबर से गैस, उपले, खेतों के लिए खाद ही नहीं, पर्यावरण सुरक्षा और पेड़ों के बचाव के लिए लकड़ियां भी बनाई जा रही हैं. उम्मीद जताई जा रही कि इस बार होलिका दहन (Holika Dahan) में पेड़ों से काटी गई लकड़ी का नहीं बल्कि गाय के गोबर से बनी लकड़ियों का प्रयोग किया जाएगा. इस समय बाजार में गाय के गोबर से बनी लकड़ियों की बेहद मांग है. 


यूपी में गौवंश किसानों के खेतों को अपना निशाना बना रहे थे. फसलों की हानि से आक्रोशित किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया था. किसानों की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला बनवा कर आवारा गौवंश को उसमे रखने के आदेश जारी कर दिए. इन गौशालाओं में पल रही गाय महिलाओं के रोजगार का साधन बन रही हैं. 


यहां इस्तेमाल की जाएंगी ये लकड़ियां
होली, हवन, अंत्योष्टि में गाय के गोबर से बनी लकड़ियों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा. सासनी पराग डेयरी में बनाई गई अस्थायी गौशाला से गाय का गोबर लेकर महिलाएं लकड़ियों का निर्माण कर रही हैं. इसको लेकर जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने बताया कि शासन की इच्छा अनुरूप काम किया जा रहा है. हमारी कोशिश यही है कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए. इसके साथ ही महिलाओं की सहायता समूह को भी कुछ रोजगार से जोड़ा जाए. उसी क्रम में हमने यह प्रोजेक्ट शुरू किया है. यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, इसके साथ ही ग्राम पंचायत में बड़ी गौशाला बनी है. वहां भी इसी तरह से प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे ताकि गौशाला आत्मनिर्भर बने और महिलाओं को भी रोजगार मिल सके.


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