कौन हैं हाथरस गैंगरेप का गुनाहगार, पुलिस की गिरफ्त में हैं ये चारों, जानिए- सभी के बारे में
चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि मुकदमा त्वरित अदालत में चलाया जाएगा.
अलीगढ़: हाथरस में गैंगरेप की शिकार दलित युवती की मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई. आरोप है कि ऊंची जाति के चार लोगों ने उसके साथ एक पखवाड़ा रेप किया था. गैंगरेप के उन चारों आरोपियों को एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है.
पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में रामू और लवकुश को भी गिरफ्तार किया गया और फिर चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि मुकदमा त्वरित अदालत में चलाया जाएगा. पीड़िता को घटना के दूसरे दिन अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कलेज में भर्ती कराया गया था. वहां वह वेंटिलेटर पर थी और शुरुआत से ही उसकी हालत चिंताजनक थी. इस पर दो दिनों के मंथन के बाद सोमवार को ही उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई. मृत्यु के धारा 302 (हत्या) भी लगा दी गई है.
पीड़ित परिवार को मिली 10 लाख की आर्थिक मदद उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के परिवारवालों को 10 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है. युवती के साथ 14 सितंबर को सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने उसपर जानलेवा हमला भी किया था. युवती की मौत के बाद उसके गांव और गांव जाने वाले रास्ते पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. डीएम प्रवीन कुमार लक्षकार के साथ एसपी विक्रांत वीर सिंह ने कहा कि पीड़िता की जीभ कटी होने की खबरें सच नहीं हैं.
पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार पीड़िता के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने हमारी गुहार सुने बिना जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया. पीड़िता की मौत के बाद से देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
सफदरजंग में धरने पर बैठे हाथरस पीड़िता के परिजनों को कल पुलिस ने वहां से हटा दिया. परिवार आरोपियों की फांसी की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर बैठा रहा. पीड़ित के भाई का आरोप है कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है. अस्पताल के बाहर कांग्रेस, भीम आर्मी और छोटे छोटे संगठनों ने भी प्रदर्शन किया. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हम न्याय चाहते हैं, फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले.
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