हाथरस. बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर की बेटी मंजू दिलेर जो कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं, उन्होंने हाथरस की घटना के बाद डीजीपी एचसी अवस्थी को चिट्ठी लिखी थी. मंजू ने कहा था कि पीड़ित से दुष्कर्म और हत्या की कोशिश की वारदात में 4 लोग शामिल थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मंजू ने एसएचओ को सस्पेंड करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी.


लेटर में और क्या लिखा?
मंजू ने 19 सितंबर के लेटर में यह भी लिखा था कि सवर्ण जाति के संदीप, रवि, रामू और लवकुश ने पीड़ित से गैंगरेप के बाद उसे मारने की कोशिश की थी. पीड़िता की मां की आवाज सुनकर आरोपी भाग गए थे. आरोपियों के परिवार पहले से पीड़ित के परिवार से रंजिश रखते हैं.



पुलिस ने दो बार धाराएं बढ़ाईं थीं
पुलिस ने पहले सिर्फ एक आरोपी का नाम दर्ज किया था, बाद में तीन के नाम और जोड़े गये. पहले धारा 307 यानी हत्या की कोशिश और SC-ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. लेकिन, 19 सितंबर को 354 यानी जबरदस्ती करने की धारा बढ़ाई. फिर 22 सितंबर को पीड़ित का बयान लेने के बाद धारा 376डी यानी सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई.


आरोपी पक्ष का दावा- सांसद और उनकी बेटी ने घटना को तूल दिया


आरोपी पक्ष का कहना है कि सांसद और उनकी बेटी जातिवाद की राजनीति करते हैं. पीड़ित भी उनकी जाति की थी, इसलिए उन्होंने बेकसूरों को फंसा दिया. जिस जेल में आरोपी बंद हैं, वहां सांसद किसी से मिलने भी गए थे. इसको लेकर ग्रामीण राजवीर दिलेर और उनकी बेटी मंजू दिलेर के खिलाफ नारेबाजी भी कर चुके हैं.


सांसद का जवाब- सब विपक्ष का किया धरा
यह आरोप पूरी तरीके से गलत है. मैं वाल्मीकि समाज से आता हूं और जो पीड़ित पक्ष है वह भी इसी समाज के हैं. जब यह मामला हुआ है, उस समय पर संसद सत्र चालू था. मैं 23 तक सत्र में था. मुझे फोन के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली थी और मैंने यही कहा था कि दोषियों को छोड़ा न जाए और किसी भी निर्दोष को गलत तरीके से फंसाया न जाए. रही बात मंजू की तो वह सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य थी. उनके पास जब इस मामले की जानकारी पहुंची तो मंजू ने आगे पत्र लिखकर पीड़ित पक्ष की मदद करने के लिए कहा था. हमारी वजह से यहां पर कोई भी किसी तरीके से जातीय विषय पर मुद्दे को भटकाया नहीं गया. हमने पूरी तरीके से निष्पक्ष होकर मामले की जांच करने की सिफारिश की है. ये सब आरोप विपक्षियों का किया धरा है.


12 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सुनवाई, पीड़ित परिवार के 5 लोग जाएंगे
हाथरस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खुद ही नोटिस में लिया था. इस मामले में 12 अक्टूबर को सुनवाई होगी. हाईकोर्ट में एसीएस गृह से लेकर डीएम हाथरस और एसपी हाथरस को भी तलब किया है. वहीं परिवार के 4 लोग कोर्ट में मौजूद रहेंगे.


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