हाथरस भगदड़ में लापता हुआ 5 साल का मासूम, दर-दर भटक रहा परिवार, मां की हुई मौत
Hathras Stampede: मंगलवार को रूबी भी हाथरस के सिकंदराराऊ में बाबा भोलेनाथ के सत्संग में शामिल होने के लिए गई थी. वो अपने साथ पांच साल के मासूम बेटे को लेकर भी गई थी जो अब तक लापता है.
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Hathras Stampede Update: उत्तर प्रदेश में जनपद हाथरस के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के बाद पीड़ित परिवारों के एक के बाद एक दर्दभरी कहानियां सामने आ रही हैं. कैसे एक सत्संग उनके लिए श्मशान बन गया. कैसे उनकी जिंदगी कुछ पलों में ही उजड़ गई, उनके अपनों का साथ छूट गया. ऐसी ही एक दर्दभरी कहानी उन्नाव से आई है जहां एक महिला की भगदड़ में मौत हो गई और उसका बेटा अब तक लापता है.
रायबरेली के नरसिंहपुर गांव की रहने वाली रूबी का विवाह उन्नाव के बारासगवर थाना क्षेत्र बक्सर गांव के रहने वाले राजन के साथ हुआ था. मंगलवार को रूबी भी हाथरस के सिकंदराराऊ में बाबा भोलेनाथ के सत्संग में शामिल होने के लिए गई थी. वो अपने मायके नरसिंहपुर से पांच वर्षीय बेटे सियांश के साथ सत्संग में शामिल होने गई थी.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
उसके बाद जो हुआ वो तो सब जानते हैं. सत्संग के बाद जब लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने को टूट पड़े तो भगदड़ मच गईं. लोग फिसले और जमीन पर गिरते चले गए. इस अफ़रा-तफरी के बीच लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल में गए. इसी भगदड़ में रूबी और उसका मासूम बेटा सियांश भी चपेट आ गया. दोनों बुरी तरह घायल हो गए थे.
भगदड़ में लापता 5 साल का मासूम
किसी तरह स्थानीय प्रशासन ने उसे अस्पताल पहुंचाया जहां बताया जा रहा उपचार के दौरान रूबी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. वहीं उसकी गोद में पांच साल का बेटा लापता हो गया. हादसे की ख़बर जैसे ही रूबी के पति राजन को लगी वो भी उन्नाव से रवाना हो गया. लेकिन, उसकी उम्मीदें टूट गईं.
राजन उन्नाव से हाथरस के लिए रवाना हो गया. काफी खोजबीन के बाद बुधवार सुबह उसे पत्नी रूबी का पोस्टमार्टम हाउस से शव बरामद हो गया लेकिन, करीब कई घंटे बाद भी उसके बेटे सियांश का कोई अता पता नहीं चल पाया है. बेटे की तलाश में राजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल का दिनभर चक्कर लगाता रहा. लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं मिला.
इस घटना के बाद रूबी के मायके और ससुराल दोनों जगहों पर मातम पसर गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं मासूम बच्चे की तलाश में परिवार अब भी भटक रहा है. हाथरस भगदड़ हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें ज़्यादातर महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं.
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