बाबा भोले ने अपनी सुरक्षा के लिए रखे थे महिला और पुरुष गार्ड, पहनते थे खास ड्रेस
Hathras Satsang Stampede: बाबा भोले का यूपी के कासगंज में बहुत बड़ा आश्रम हैं, जहां बड़ी संख्या में उनके भक्त और सेवादार रहते हैं. बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए पर्सनल गार्ड रखे हुए थे.
![बाबा भोले ने अपनी सुरक्षा के लिए रखे थे महिला और पुरुष गार्ड, पहनते थे खास ड्रेस Hathras Satsang Stampede Baba Bhole kept male and female guards for his security बाबा भोले ने अपनी सुरक्षा के लिए रखे थे महिला और पुरुष गार्ड, पहनते थे खास ड्रेस](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/03/cdfcbdd0bdf2d0ed2678ee581b198faf171997196858388_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Bhole Baba Satsang Update: यूपी का हाथरस में सत्संग में मची भगदड़ के बाद बाबा भोले साकार हरि सुर्खियों में आ गए हैं. घटना के बाद से बाबा भोले अंडरग्राउंड हो गए हैं. इधर पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. बाबा भोले पश्चिमी यूपी में बहुत प्रसिद्ध हैं. लाखों की संख्या में उनके भक्त और फॉलोवर्स हैं. उनके सत्संग में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है. बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए महिला और पुरुष गार्ड रखे थे. जिसे उन्होंने नारायणी सेना का नाम दिया है.
बाबा भोले का यूपी के कासगंज में बहुत बड़ा आश्रम हैं, जहां बड़ी संख्या में उनके भक्त और सेवादार रहते हैं. बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए पर्सनल गार्ड रखे हुए थे. इनमें महिलाओं और पुरूष दोनों होते हैं. बाबा ने अपने सुरक्षाकर्मियों को खास नाम भी दिया था. बाबा के सुरक्षाकर्मियों को नारायणी सेना कहा जाता है. इनकी एक खास तरह की वेशभूषा होती है, जिससे वो दूर से पहचान में आते हैं.
बाबा भोले की सुरक्षा में थे महिला और पुरुष गार्ड
बाबा भोले के ये खास सुरक्षाकर्मी या नारायणी सेना उनके आश्रम से लेकर प्रवचन स्थल तक बाबा की सेवा करती थी. इन सभी का एक जैसे ड्रेस कोड होते हैं. बाबा ने अपने सेवादारों को ही अपनी सुरक्षा में रख लिया था. इसके साथ ही जहां भी उनका सत्संग होता था. उसकी सारी व्यवस्था बाबा के सेवादार ही संभालते थे.
कहते हैं कि जब बाबा भोले का काफिला चलता था तो उनके निजी गार्ड कमांडो की तरह आगे चलते थे. उनकी ड्रेस भी काले रंग की होती है और वो सिर पर काले रंग का साफ़ा बांधते हैं. बाबा का रुतबा ऐसा था कि बड़े-बड़े लोग भी उनके सत्संग में शामिल होते थे.
बताया जाता है कि सत्संग के आयोजन से तीन-चार दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती थी. बाबा भोले के सेवादार गुलाबी और पीले रंग के कपड़े पहनते थे. इन्हीं पर पंडाल से लेकर सड़क तक पूरे आयोजन की ज़िम्मेदारी होती थी. सत्संग कार्यक्रम के आसपास की सारी व्यवस्था की जिम्मेदारी इन्हीं के ऊपर होती है. बाबा के लिए मंच तक जाने के लिए अलग से रास्ता बनाया जाता था, जहां कोई नहीं जा सकता था.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)