Hathras Satsang Stampede: हाथरस सत्संग में मची भगदड़ के बाद हुए हादसे के बाद से भोले बाबा अंडर ग्राउंड हो गया है. पुलिस की तलाश कर रही है. इस बीच यूपी के कासगंज में एबीपी न्यूज़ की टीम पहुंची, जहां बाबा के पैतृक गांव बहादुर नगर पटियाली में उनका भव्य आश्रम स्थित हैं. यहीं से बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई थी. बाबा का ये आश्रम किसी रहस्यलोक से कम नहीं है. यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. 


बाबा भोले यूपी के कासगंज में गांव बहादुर नगर पटियाली के रहने वाले हैं. यहीं पर बाबा का नारायण हरि चेरिटेबल ट्रस्ट का आश्रम बना हुआ है. ये आश्रम कई बीघा ज़मीन में बना है, जिसमें बाबा अपने निजी सुरक्षा गार्ड और सेवादारों के साथ रहते हैं. इस आश्रम से ही बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई. बाबा के इस गढ़ में उन्हीं के नियम कायदे चलते हैं. आश्रम के बाहर ही एक बड़ा सा बोर्ड लगाया गया है, जिस पर तमाम नियम लिखे गए हैं. 



रहस्यलोक जैसा है बाबा का आश्रम
बाबा के इस रहस्य लोक में फोन ले जाने की सख्त मनाही है. यहां फोटो खींचने की किसी को भी इजाजत नहीं दी गई है. वो न तो फोटो खींच सकते हैं और न ही वीडियो बना सकते हैं. यही नहीं कोई आश्रम के अंदर से वीडियो कॉल भी नहीं कर सकता है. ये तमाम बातें बाहर दरवाजे पर ही नोटिस बोर्ड पर लिखी हुई हैं. 


एबीपी न्यूज जब बाबा के आश्रम में पहुंचा तो यहां कई सेवादार मिले. बाबा के आश्रम में कई चौकियां बनी हुई है, पूरे आश्रम के चारों ओर ऊंची-ऊंची दीवारें हैं. सोने के रंग जैसा बड़ा सा दरवाज़ा लगा है और लाल रंग की छत है. ये आश्रम एक क़िले की तरह है. आश्रम के अंदर कई चौकियां बनी हैं. जहां बाबा के सेवादार रहते हैं जो आश्रम के व्यवस्था देखते हैं. एबीपी न्यूज संवाददाता से बात करते हुए एक सेवादार ने बताया कि वो यहां पर खेतीबाड़ी करते हैं. इसके अलावा उन्हें जो दूसरे काम दिए जाते हैं वो काम करते हैं. 


हाथरस हादसे पर पुलिस ने सत्संग के आयोजकों पर एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि आयोजकों ने सिर्फ 80 हज़ार लोगों के शामिल होने की ही इजाजत ली थी लेकिन इसमें 2 लाख से ज्यादा लोग आए थे. वहीं पुलिस की एफआईआर में भी बाबा का नाम नहीं है. हादसे के बाद बाबा के सेवादारों ने सबूतों को छुपाने की कोशिश की है. लोगों के सामान और चप्पलों को घटनास्थल से दूर फेंक दिया गया. 


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