Hathras Satsang Stampede: इस समय हाथरस जिले फुलरई में हुई घटना ने सबको दिल दहलाने का काम किया है और कहीं न कहीं इस पूरी घटना को लेकर इसका जिम्मेदार वह भोले बाबा नाम वह कथावाचक है, जिसके सत्संग में 121 अनुयायियों की मौत हो गई. भोले बाबा कथा वाचक के सत्संग में दूर-दूर से लोग सत्संग सुनने के लिए जाते हैं.


हाथरस जिले के फुलरई के समीप भोले बाबा कथा वाचक के सत्संग में सत्संग खत्म होने के बाद जब भगदड़ मची तो उसमें फिरोजाबाद के सिरसागंज के गांव शेखूपुर की 60 वर्षीय महिला रामादेवी भी मौजूद थीं, जहां उनकी भगदड़ में दब कर दम घुटने से मौत हो गई. आज पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को उनके गांव उनके परिजनों की तरफ से लाया गया है.


कैसे हुई रामा देवी के मौत?


60 वर्षीय मृतक रामा देवी के बेटे ने बताया कि वह कथा वाचक भोले बाबा के सत्संग को सुनने जाया करती थीं. हाथरस के फुलरई में भी सत्संग हो रहा था, वहां पर भी गई थीं और सत्संग समाप्त होने के बाद प्रभु जा रहे थे तभी वहां भगदड़ मच गई और उनकी मां की दबकर मौत हो गई.


सत्संग सुनने गए 121 लोगों की मौत 


कथा वाचक भोले बाबा के सत्संग को सुनने वाले अनुयायियों को फिरोजाबाद में भी एक बड़ा धड़ा रहता है, जो कि हर सत्संग को बसों में बैठकर उनकी तरफ से सुनने जाता है और हर एक अनुयाई को उनसे काफी लगाव भी है और उसका नतीजा यह निकला कि आज 121 लोगों की मौत उस सत्संग सुनने के चक्कर में हो गई.


रामा देवी की मौत के बाद परिवार में शोक की लहर


जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद 60 वर्षी रामादेवी का शव उनके घर पहुंचा तो परिवार की महिलाएं और उनके बेटे दहाड़ लगाकर रोने लगे क्योंकि उन्हें काफी दुख था कf आज उनकी मां उनके साथ नहीं हैं.


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