Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई दर्दनाक घटना पर सपा के पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि बहुत अफसोस कि बात है की एक धार्मिक कार्यक्रम में भगदड़ मच गई. मेरी जानकारी में आया है कि वहां 75 लोगों की मौत हो गयी है. जिसमे अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे. मैं पूछना चाहता हूँ कि प्रशासन कहाँ था. जब इतना बड़ा धार्मिक कार्यक्रम हो रहा था तो उसकी सुरक्षा के प्रबंध क्यों नहीं किए गए. यह प्रशासन क्या सिर्फ बुलडोजर चलाने के लिए है, लोगों की सुरक्षा के लिए नहीं है.
इस सरकार के अंदर इतना बेखौफ प्रशासन क्यों हो रहा है. भोली भाली जनता की सुरक्षा क्यों नहीं की गई. मेरी मांग है कि इस घटना की जांच होनी चाहिए और जो भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनको सजा मिलनी चाहिए. सपा नेता ने संसद में राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा की भाजपा लोगों को बरगलाने का काम कर रही है और झूठ फैला रही है. राहुल गांधी ने भाजपा और संघ के हिंदुत्व बारे में कहा था न की सनातन धर्म के बारे में, सनातन धर्म वाले तो अहिंसा के पुजारी होते हैं. वह तो लोगो को जोड़ने की बात करते हैं. वह लोगों के दिलों में नफरत पैदा नहीं करते वह प्यार की बात करते हैं.
भाजपा वाले पूरे देश को गुमराह कर रहे
एसटी हसन ने कहा कि राहुल गांधी ने तो सिर्फ भाजपा और संघ को कहा है कि ये लोग हिंसा फैलाते हैं, नफरत फैलाते हैं. नरेंद्र मोदी का मतलब यह नहीं की पूरा हिन्दू समाज या संघ पूरे हिन्दू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. भाजपा वाले पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं और इनके कार्यकर्ता पुतले फूंक रहे हैं. भाजपा पूरे देश में माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है और झूठ फैला रही है. भाजपा वाले ये नहीं बता रहे कि राहुल गाँधी हमें कह रहे थे, भाजपा का तो इतिहास है कि कहीं ये मोब लिंचिंग कराते हैं. कहीं हत्त्याएं कराते हैं तो कहीं बुलडोज़र चलवा देते हैं.
चुनाव के बाद मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी
पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद से मॉब लिंचिंग की की घटनाएँ बढ़ी हैं और मौलानाओ की हत्त्याएँ भी हुई हैं. एक मौलाना की तो मुरादाबाद में ही हत्या हुई है .अदालतें इन्साफ नहीं करेंगी तो क्या सारे फैसले नेता लोग करेंगे ? तो फिर अदालतों को बंद कर दो. सपा नेता ने प्रधानमंत्री के कांग्रेस को परजीवी बताने पर कहा की आप तो ख़ुद परजीवी है. बीजू जनता दल का आपने क्या हाल किया है अब कहाँ है वह? उन्होंने तो एक बार गरीब किसानों को जो आंदोलन कर रहे थे, उन्हें आन्दोलन जीवी कहा था. इन्हें तो ऐसे मुहावरों की आदत हो गयी है.
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