Hathras Stampede: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हाथरस पहुंचे थे. जहां उन्होंने भगदड़ के पीड़ितों से मुलाकात की. वहीं राहुल गांधी के पीड़ितों के मिलने पर यूपी की मंत्री बेबी रानी मौर्य का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले पीड़ितों के प्रति मेरी शोक संवेदना है. मैं उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं. बेबी रानी मौर्य ने यह भी कहा कि राहुल गांधी सिर्फ राजनीति करने आए थे. उन्हें किसी भी पीड़ित से कोई संवेदना नहीं है.
मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बताया कि हाथरस कांड होने के बाद सबसे पहले सीएम योगी ने हाथरस पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकत की थी. सीएम ने घटनास्थल का भी मुआयना किया था. पीड़ितों को राहत राशि देने का उन्होंने ऐलान भी किया है. उसके बाद उन्होंने जनप्रतिनिधियों को भी अलग-अलग जगहों में पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए भेजा था. मैं खुद आगरा पीड़ितों से मिलने गई थी. मेरा यह भी मानना है कि इतने बड़े आयोजन नहीं होना चाहिए. जहां जानमाल की हानि की आशंका हो.
हाथरस में इनसे मिलें राहुल गांधी
राहुल गांधी अलीगढ़ के बाद हाथरस भगदड़ कांड के चार पीड़ित परिवारों से मिले. राहुल गांधी मृतक मुन्नी देवी और आशा देवी के साथ घायल माया देवी के परिवार से मुलाकात की. ये सभी हाथरस के नवीपुर खुर्द की रहने वाली हैं. माया देवी घायल हुई वो जिला अस्पताल में एडमिट है. उनके परिजनों को भी बुलाया गया था. ओमवती जिनकी मौत हुई है, उनके परिवार के लोगों को भी बुलाया गया है, उनके परिजनों को भी नवीपुर खुर्द के ग्रीन पार्क में बुलाया गया है.
अब तक 6 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
हाथरस हादसे मामले में अभी तक 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इसमें 4 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं. माथुर ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से जब पूछताछ की गई तो मालूम चला है कि यह लोग आयोजन समिति में थे. पूर्व में भी यह कई आयोजन करा चुके हैं. इन लोगों का काम पंडाल का व्यवस्था करना भीड़ इकट्ठा करना होता है. पुलिस ने बताया कि वेद प्रकाश मधुकर के ऊपर एक लाख का इनाम रखा गया है. मुख्य आयोजक वेद प्रकाश मधुकर के खिलाफ NBW इशू कराया जा रहा है.
डीजीपी ने सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट
सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी प्रशांत कुमार से हाथरस मामले पर पूरी जानकारी ली. सीएम योगी को एसआईटी की 15 पन्नों की रिपोर्ट भी सौंपी गई है. सूत्रों का दावा है कि इस रिपोर्ट में राजनीतिक साजिश की तरफ़ इशारा किया गया है. कुछ स्थानीय नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. साथ ही सेवादारों की भूमिका पर सवाल उठे हैं. आयोजकों की भूमिका पर सवाल किया गया है. रिपोर्ट में बाबा की सभा में संख्या का अनुमान नही लगा पाने को लेकर वहाँ तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी सवाल खड़े होने की खबर है.
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