Hathras Stampede पर SDM ने DM को सौंपी रिपोर्ट, बाबा की आर्मी ने बिगाड़ा सारा काम!
Hathras Stampede: हाथरस मामले को लेकर एसडीएम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक आयोजन में दो लाख लोगों के आने की इजाजत भी प्रशासन से नहीं ली गई थी.
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Hathras Satsang Stampede: हाथरस हादसे की जांच की रिपोर्ट को एसडीएम ने सौंप दिया है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस रिपोर्ट में कई बड़ी बातों का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक भोले बाबा के सत्संग में 2 लाख से ज़्यादा लोगों की भीड़ आई थी बाबा सत्संग के बाद बाहर निकला तो पब्लिक उनके पीछे दौड़ने लगी. बाबा के चरण रज की धूल उठाने के चक्कर में लोगों में भगदड़ मच गई है.
जिसके बाद बाबा की व्यक्तिगत आर्मी और श्रद्धालुओं के बीच धक्का मुककी हुई. जब लोग वहां से भागे तो दलदल और ऊंची नीची जमीन पर फिसल कर गिरे और भगदड़ हुई. जिसके बाद बाबा का चमत्कार चीत्कार में बदल गया. दो लाख लोगों के कार्यक्रम की परमिशन भी प्रशासन से नहीं ली गई थी. 2 लाख लोग सत्संग में आ रहे हैं जिसकी प्रॉपर व्यवस्था नहीं की गई. ना ही मेडिकल सुविधा थी ना ही खान-पान की सुविधा थी ना ही आने-जाने के रास्ते थे ना ही इमरजेंसी रास्ता बनाया गया था.
रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे
रिपोर्ट के मुताबिक हाथरस के फुलरई गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का सत्संग तय था. सत्संग में दो लाख से ज़्यादा की भीड़ पहुंची थीं. इस कार्यक्रम में नारायण साकार हरि दोपहर को 12.30 बजे पंडाल में पहुंचे थे. जिसके बाद एक घंटे तक कार्यक्रम चला, जिसके बाद दोपहर 1.40 बजे नारायण हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर एटा की ओर जाने के लिए आए तो जिस रास्ते से भोले बाबा निकल रहे थे उस रास्ते की अरे सत्संगी महिलाएं, पुरुष और बच्चे उनके दर्शन और पैर छूने के लिए आशीर्वाद और उनके चरणों की रज लेकर अपने माथे पर लगाने लगे.
वहीं जीटी रोड के डिवाइडर पर भी पहले से ही बहुत सारे लोग पहले से दर्शन के लिए खड़े थे. जो डिवाइडर से कूदकर बाबा की ओर बढ़ने लगे और उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ने की कोशिश करने लगे. जिसके बाद बाबा के निजी सुरक्षा कर्मी और उनके सेवादारों ने बाबा के पास भीड़ को जाने से रोकने की कोशिश की जिसके बाद धक्का मुक्की शुरू हो गई और कई लोग नीचे गिर गए. लेकिन, फिर भीड़ नहीं मानी और अफ़रा-तफरी का माहौल शुरू हो गया. इस बीच उमस की वजह से लोगों की सांस चढ़ने लगी तो लोग इधर उधर भागने लगे. खेत की ओर ढलान होने की वजह से अधिकांश लोग फिसलकर गिर गए और फिर नहीं उठ सके.
भीड़ उनके ऊपर से ही इधर-उधर होकर भागने लगी. जिसमें कई महिलाएं और बच्चे बुरी तरह घायल हो गए. प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने एंबुलेंस और घटनास्थल पर मौजूद अन्य साधनों के ज़रिए लोगों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया. इनमें से कई का इलाज अब भी हाथरस, अलीगढ़ व आसपास के अस्पतालों में चल रहा है.
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