Hathras Stampede: यूपी पुलिस की FIR में सामने आई रोंगटे खड़ी करने वाली 'सच्चाई' बाबा का नाम गायब, उठ रहे ये सवाल
Hathras Satsang Stampede: हाथरस कांड के बाद फोरेंसिक टीम ने डॉग स्क्वॉड के साथ जांच शुरू कर चुकी है. इस धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई. भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोगों की हालत गंभीर है, इसलिए यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. रात में ही शवों का पोस्टमार्टम शुरू किया गया.
पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. राहत विभाग की ओर से दी गई सूची के अनुसार, अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और 28 लोग घायल हैं. सभी घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मृतकों में सबसे ज्यादा लगभग (112) महिलाएं शामिल हैं. हाथरस भगदड़ स्थल की जांच के लिए फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है.
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इन धाराओं में मामला दर्ज
घटना 'भोले बाबा' द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान घटी. फोरेंसिक टीम ने डॉग स्क्वॉड के साथ जांच शुरू कर दी है. उधर, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत 'मुख्य सेवादार' कहे जाने वाले वेद प्रकाश मधुकर और इस धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
हालांकि पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में बाबा का नाम गायब है. दूसरी ओर एफआईआर में कहा गया है कि ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड इकट्ठी हो गई है. जिसके कारण और आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन न किए जाने के कारण यातायात अवरुद्ध हो गया. आरोप है कि आयोजनकर्ताओं के द्वारा कार्यक्रम में जुटी भीड की संख्या छिपाकर और लोगों को बुलाया गया था.
हादसे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है. सीएम योगी ने मंगलवार को कहा था कि हमारी सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी. राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच करा रही है. हम इसकी तह में जाएंगे और देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश.