जब टोना-टोटका के चक्कर में भोले बाबा ने खाई जेल की हवा, इंस्पेक्टर रहे तेजवीर सिंह ने बताया किस्सा
Hathras Stampede: ये पहली बार नहीं है जब भोले बाबा इस तरह चर्चाओं में आए हों. उनका विवादों से पुराना नाता रहा है. साल 2000 में तो उन्हें टोना-टोटका करने के मामले में जेल तक जाना पड़ा था.
Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे के बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल जाटव सुर्खियों में आ गया है. इस हादसे में 123 लोगों की जानें चली गई है. पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन पुलिस अब भी बाबा पर हाथ डालने से बच रही है.
ये पहली बार नहीं है जब भोले बाबा इस तरह चर्चाओं में आए हों. उनका विवादों से पुराना नाता रहा है. साल 2000 में तो उन्हें टोना-टोटका करने के मामले में जेल तक जाना पड़ा था. बाबा ने लोगों के सामने मृत बच्ची को जिंदा करने का दावा किया था. पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था.
इंस्पेक्टर रहे तेजवीर सिंह ने सुनाई कहानी
उस समय इंस्पेक्टर रहे तेजवीर सिंह अब सी.ओ के पद से रिटायर्ड हो चुके हैं. तेजवीर सिंह अब यूपी के फिरोजाबाद जनपद में ही रहते हैं. उन्होंने भोले बाबा के इस टोने-टोटके वाले कांड के बारे में जानकारी दी. तेजवीर सिंह ने बताया कि ये साल 2000 की बात है जब पुलिस को सूचना मिली थी कि सूरज पाल उर्फ भोले बाबा नाम का व्यक्ति ने मृत बच्ची को ज़िंदा करने का दावा किया है.
पुलिस जब श्मशान पहुंची तो देखा बाबा श्मशान के अंदर बच्ची के मुंह में दूध डाल रहा था. लेकिन, मृत बच्ची जिंदा नहीं हुई. जिसके बाद इंस्पेक्टर रहे तेजवीर सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की. तभी बाबा के अनुयायियों ने पुलिस का विरोध किया और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया.
पुलिस ने इस मामले में सूरज पाल उर्फ भोले बाबा और उनके पांच अनुयायियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन पर कार्रवाई करते हुए आगरा की जेल भेज दिया गया था. बाद में इसमें चार्जशीट भी दाखिल की गई. हालांकि कुछ समय बाद बाबा को जेल से रिहा कर दिया गया.
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