(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हाथरस केस: जिस खेत में हुई थी घटना, उसका किसान प्रशासन से मांग रहा फसल बर्बाद होने का 'मुआवजा'
किसान सोम सिंह का कहना है कि सबूत मिटने के डर से उन्हे खेतों की समय से न तो सिंचाई करने दी गई और न ही कटाई करने दी गई. इस कारण उसकी फसल बर्बाद हो गई. ऐसे में परेशान किसान ने अब प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप की दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया था. बता दें कि जिस किसान के बाजरे के खेत में यह घटना हुई थी उसने अब मुआवजे की मांग की है. दरअसल किसान सोम सिंह का कहना है कि सबूत मिटने के डर से उन्हे खेतों की समय से न तो सिंचाई करने दी गई और न ही कटाई करने दी गई. इस कारण उसकी फसल बर्बाद हो गई. ऐसे में परेशान किसान ने अब प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
सबूत मिटने के डर से खेतों पर नहीं जाने दिया गया
बता दें कि जयपुर में मजदूरी करने वाला सोम सिंह हाल ही में हाथरस आया था और उसने अपनी 9 बीघा जमीन पर बाजरे की बुआई की थी. सोम सिंह का कहना है कि प्रशासनिक अधिकरियों ने उसे खेतों पर जाने से मना कर दिया था. उसे कहा गया था कि अगर वह अपने खेत पर सिंचाई और कटाई करेगा तो सबूत मिट जाएंगे. प्रशासन की बात तो उसने मान ली लेकिन इस कारण उसकी पूरे साल की मेहनत बर्बाद हो गई
फसल के नुकसान की भरपाई का दिया गया था आश्वासन किसान का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे फसल के नुकसान की भरपाई का भी आश्वासन दिया था. उसके मुताबिक उसे कहा गया था कि उसकी फसल का अगर नुकसान हुआ तो उसे 50,000 का मुआवजा दिया जाएगा. लेकिन उसे अभी तक कुछ नहीं मिला है.
पुलिस, SIT और सीबीआई ने कई बार खेत का दौरा किया किसान के मुताबिक घटना के बाद कई बार स्थानीय पुलिस और SIT व सीबीआई की टीम ने उसके खेत का दौरा किया था. कई बार लोगों के जाने की वजह से उसकी फसल बर्बाद हो गई. किसान सोम सिंह का कहना है कि उसके फसल कटाई पर तो रोक लगी हुई है लेकिन उसका पूरा परिवार खेती पर ही निर्भर है, ऐसे में उसकी मांग है कि उसका जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई प्रशासन करे.
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