हाथरस कांड वाले 'भोले बाबा' को लेकर नरम हुए साधु-संतों के तेवर, अब प्रशासन पर खड़े किए सवाल
Hathras Stampede: महामंत्री हरि गिरि ने कहा है कि हाथरस की घटना इसलिए हुई क्योंकि वहां किसी तरह के इंतजाम नहीं थे. सरकारी अमले की भी लापरवाही थी और आयोजकों ने भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे.
Hathras Stampede News: हाथरस भगदड़ कांड के बाद सुर्खियों में आए भोले बाबा को लेकर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अब नरम पड़ती दिखाई दे रही है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने पिछले हफ्ते भोले बाबा को फर्जी संत करार देते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की थी, लेकिन अब अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा है कि यह बेहद संवेदनशील मामला है. उनके मुताबिक इस मामले में जल्दबाजी में कोई कदम उठाया जाना उचित नहीं है. इस बारे में देशभर के साधु संतों से राय मशविरा करने के बाद ही फैसला किया जाएगा.
अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि के मुताबिक दिल्ली और आसपास के शहरों में रहने वाले संतों से इस बारे में राय ले ली गई है. जल्द ही हरिद्वार उज्जैन वाराणसी अयोध्या और प्रयागराज के संतों से भी इस बारे में चर्चा की जाएगी. संतों से चर्चा करने के बाद ही भोले बाबा को लेकर कोई फैसला किया जाएगा. महामंत्री हरि गिरि ने कहा है कि हाथरस की घटना इसलिए हुई क्योंकि वहां किसी तरह के इंतजाम नहीं थे. सरकारी अमले की भी लापरवाही थी और आयोजकों ने भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे.
महंत हरि गिरि ने कहा कि महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं, इसलिए यहां हाथरस जैसी कोई घटना नहीं होगी. यहां सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक इंतजाम समेत हर मामले में अलग मानक है और उस मानक के तहत ही सारी व्यवस्थाएं की जाती हैं. महंत हरि गिरि का यह जरूर कहना है कि संतो के भेष में गलत लोगों की एंट्री चिंता की बात जरूर है. उन्होंने कहा है कि महाकुंभ फर्जी संतों की एंट्री न हो, इसके लिए भगवान से प्रार्थना की जाएगी. भगवान ऐसे लोगों को महाकुंभ में दाखिल ही नहीं होने देंगे. संतों के चोले में गलत काम करने वाले लोगों को महाकुंभ में रोका जाएगा.
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