हाथरस कांड के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे भोले बाबा, आश्रम के बाहर भक्तों का तांता
Hathras Stampede: हाथरस में सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में दो जुलाई को भोले बाबा के सत्संग में हुई घटना में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे.
Hathras Stampede News: हाथरस कांड के बाद पहली बार सूरज पाल ऊर्फ भोले बाबा अपने कासगंज स्थिति पैतृक गांव बहादुर नगर के आश्रम में पहुंचा, ये उनका जन्म स्थान हैं. सूरजपाल ऊर्फ भोले बाबा कासगंज जनपद के अपने बहादुर नगर के आश्रम में भारी लाव लस्कर के साथ पहुंचा. बहादुर नगर सूरजपाल ऊर्फ भोले बाबा का पैतृक गांव है और यहीं से पहला आश्रम बनाकर सूरजपाल भोले बाबा ने अपने सत्संग के साम्राज्य का 26 साल पहले शुभारंभ किया था. भोले बाबा के साथ बड़ी संख्या में उनके भक्त भी आश्रम में मौजूद हैं.
भोले बाबा के सेवादारों ने कासगंज के पटियाली के उपजिला अधिकारी व थाना पटियाली से आश्रम में आने की अनुमति व पुलिस फोर्स भी मांगी थी. हालांकि कासगंज जिला और पुलिस प्रशाशन ने भोले बाबा को कासगंज के बहादुर नगर आश्रम में आने और कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी. अनुमति न देने के बाद भी भोले बाबा कासगंज के अपने आश्रम में पहुंचे और बड़ी संख्या में आश्रम पहुंचे भक्तों से मुलाकात की है.
वहीं भोले बाबा के वकील वकील एपी सिंह ने कहा कि नारायण साकार हरि को लेकर लोगों के बड़े सवाल थे कि नारायण साकार हरि कहां हैं नारायण साकार हरि भारत में ही थे, आश्रम में है आश्रम से आए हैं ना किसी एयरपोर्ट पर ना कहीं बेसमेंट ना किसी के घर नहीं कभी जाते. यह उनकी जन्मस्थली है जननी जन्मभूमि से बड़ा दुनिया में कुछ हो ही नहीं सकता है
भोले बाबा के वकील ने घटना को सुनियोजित बताया
बता दें कि दो जुलाई को हाथरस में सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग में हुई घटना में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे. अब साकार हरि ऊर्फ भोले बाबा के डॉ. एपी सिंह ने मामले की जांच कर रही कमेटी को शिकायत की कॉपी दी है. वकील एपी सिंह ने उन्होंने घटना को सुनियोजित बताया. इसके साथ ही वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि, हाथरस घटना में जो लोग घायल हुए हैं और जो भी लोग वहां मौजूद थे, उसमें से कुछ लोगों ने साजिशकर्ताओं और उनकी गाड़ी को पहचान लिया है.
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