(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Hathras Stampede: हाथरस में सत्संग में भगदड़ से मौतों का मामला पहुंचा इलाहाबाद हाईकोर्ट, ज्यूडिशियल जांच की मांग
Hathras Accident: हाथरस हादसे की न्यायिक जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. अधिवक्ता गौरव द्विवेदी की तरफ से दाखिल याचिका में मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई.
Allahabad High Court: यूपी के हाथरस में सत्संग कार्यक्रम में हुई भगदड़ में मौतों का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पहुंच गया है. हादसे की न्यायिक या सीबीआई जांच कराए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन दाखिल की गई है. यह लेटर पिटीशन इलाहाबाद हाईकोर्ट के युवा अधिवक्ता गौरव द्विवेदी की तरफ से पेश की गई है. अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने लेटर पिटीशन चीफ जस्टिस अरुण भंसाली को ई मेल के जरिए भेज कर इस मामले को बेहद गंभीर बताया है.
अधिवक्ता गौरव द्विवेदी की लेटर पिटीशन में घटना के जिम्मेदार अफसरों को फौरन सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच के बाद उचित कदम उठाए जाने और साथ ही 116 श्रद्धालुओ की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. लेटर पिटीशन के जरिए मांग की गई है कि घटना की जांच हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से कराई जाए. अगर न्यायिक जांच नहीं कराई जा रही है तो पूरे मामले की जांच स्पेशल इंस्टिगेटिव एजेंसी से कराए जाने का आदेश दिए जाने की भी मांग की गई है.
क्यों की गई न्यायिक जांच की मांग
लेटर पिटीशन के जरिए कहा गया है कि इतनी बड़ी घटना सरकारी अमले की लापरवाही और उदासीनता से हुई है. ऐसे में अगर पुलिस या प्रशासन के लोग ही जांच करेंगे तो मामले में सिर्फ लीपापोती ही होगी और सौ से ज्यादा मौतों के गुनहगारों को कोई सजा नहीं होगी और उन्हें क्लीन चिट मिल जाएगी. अधिवक्ता गौरव द्विवेदी की लेटर पिटीशन में हादसे में घायलों और मृतकों के परिजनों पर उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है. इसके साथ ही घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है. घायलों के मुफ्त इलाज के इंतजाम किए जाने की भी मांग की गई है. कोर्ट अगर इस पत्र याचिका को मंजूर करती है तो जनहित याचिका कायम कर सुनवाई कर सकती है. इस मामले में कोर्ट कोर्ट कोई सख्त आदेश भी दे सकती है.
इस लेटर पिटीशन को आज चीफ जस्टिस कोर्ट में मेंशन कर फिजिकल तौर पर सुनवाई के लिए अनुरोध किए जाने की भी तैयारी है. अर्जेंसी के आधार पर इस मामले में फौरन सुनवाई किए जाने की भी गुहार लगाई जाएगी. कहा जाएगा कि हाईकोर्ट के दखल से तमाम घायलों को बेहतर इलाज मिल सकता है और उनकी जिंदगी बचाई जा सकती है. लेटर पिटीशन में यूपी के डीजीपी समेत तकरीबन आधा दर्जन लोगों को पक्षकार बनाया गया है. कहा गया है कि सरकारी अमले की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है. ऐसे में न्यायिक या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने की जरूरत है.
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