Hathras Stampede Death: यूपी के हाथरस में फुलरई गांव में सत्संग में मची भगदड़ मामले में मौत का आंकड़ा और बढ़ गया है. इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या 121 से बढ़कर अब 123 हो गई है. जबकि 19 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे में शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ पुलिस अब तक भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का कोई सुराग नहीं लगा पाई है. बाबा का सेवादार और मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुर भी फरार है.
हाथरस भगदड़ मामले में अब तक मरने वालों की संख्या 123 तक पहुंच गई है. वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी से सख्त निर्देश के बाद पुलिस भी एक्शन मोड़ में दिखाई दे रही है. पुलिस की एफआईआर में सेवादार देव प्रकाश मधुर को मुख्य आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने अब तक 30 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है. इनके अलावा 100 से ज्यादा लोगों की सीडीआर जांच की जा रही है.
हादसे पर एक्शन में आई पुलिस
आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की पांच टीमें बनाई गई हैं जो प्रदेश के नौ जिलों में छापेमारी कर रही है. इनमें आगरा, फर्रुखाबाद, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़ में छापेमारी की जा रही है. हालांकि हैरानी की बात ये है कि पुलिस की एफआईआर में भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है. सीएम योगी ने मामले की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए हैं.
जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इधर एसडीएम ने भी हाथरस भगदड़ की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में सामने आया है कि आयोजकों ने प्रशासन से 80 हजार लोगों के आने की परमिशन ली थी. लेकिन, सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. आयोजन की पूरी ज़िम्मेदारी बाबा के सेवादारों ने ही सँभाली हुई थी.
बताया जा रहा है कि सत्संग खत्म होने के बाद बाबा ने अपने अनुयायियों से उनके चरणों की धूल लेने को कहा था जिसे माथे पर लगाने से उनके दुख दूर हो जाने का दावा किया था. जिसके बाद सत्संग में आई भीड़ उनके चरणों की रज (धूल) लेने के दौड़ी थी, जिसके बाद भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कई लोग नीचे गिर गए और दब गए. भीड़ उन्हें रौंदते हुए इधर-उधर भागने लगी. जिसके बाद ये बड़ा हादसा हो गया.
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