Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे ने व्यवस्था की पोल खोल दी है. चश्मदीदों ने बताया कि जैसे ही सत्संग खत्म हुआ लोगों ने भागना शुरू किया, इसी दौरान हादसा हुआ. हादसे में 75 से अधिक लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों जख्मी हैं.


एक महिला चश्मदीद ने कहा, ''सत्संग जैसे ही ये खत्म हुआ, लोगों ने वहां से भागना शुरू किया. वहां सड़क ऊंची-नीची थी. एक के ऊपर एक लोग आ गए. बहुत भीड़ थी. लोग जाने के लिए जल्दी कर रहे थे.हम कार्यक्र में एक बजे आए थे. 


एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि गुरुजी जब चले गए तो उसके बाद हादसा हुआ. वहां कीच थी, दलदल में फंस गए. सभी एक दूसरे पर गिर गए. मेरे दो बच्चों की मौत हुई है. 


क्या बोले हाथरस के डीएम?


हाथरस के डीएम आशीष कुमार ने बताया कि हाथरस के गांव में सत्संग हो रहा था. इसके खत्म होने के बाद जब अत्यधिक उमस के कारण लोग वहां से जल्दी निकल रहे थे, उस समय ये घटना हुई है. इसमें कई लोगों की मौत हुई है. घायलों को अस्पताल भेजा गया है.






उन्होंने कहा, ''इस सत्संग की परमिशन एसडीएम ने दी थी, कानून-व्यवस्था के लिए ड्यूटी लगाई गई थी. अंदर की व्यवस्था स्वयं उनके द्वारा की जानी थी. एक उच्चस्तरीय कमेटी जांच के लिए गठित की गई है.''


कहां हुआ हादसा?


हाथरस के सिकन्दराराऊ के थानाध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि इस थाना क्षेत्र के फुलराई गांव में भोलेबाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. सत्संग का आयोजन बाबा नारायण साकार हरि ने किया था.