Hathras Stampede: सूरजपाल ऊर्फ भोले बाबा ने कासगंज जनपद के बहादुर नगर में स्थिति ये आश्रम आज से लगभग 26 साल पूर्व बनाया था. यहीं से उन्होंने अपने मायाबी साम्राज्य की नींव रखी थी. ये आश्रम कभी प्रत्येक मंगलवार को लाखों की भक्तों की भीड़ से गुलजार हुआ करता था, सत्संग हुआ करते थे लेकिन हाथरस हादसे के बाद यहां अजीब सा सन्नाटा है, भक्त डरे सहमे है.
भक्तों का कहना है कि भोले बाबा मे उनकी आस्था कम नहीं हुई है वो दौर फिर आएगा जब आश्रम गुलजार होंगे, सत्संग होंगे और बाबा अपना प्रताप दिखाएंगे. यहां कभी लाखों की संख्या मे भोले बाबा क़े भक्त आते थे लेकिन हाथरस कांड क़े बाद भक्तों की संख्या में कमी आई है. भक्तो का कहना है कि भोले बाबा मे हाथरस कांड क़े बाद भी आस्था कम नही हुई.
श्रद्धालुओं ने बाबा को बताया निर्दोष
श्रद्धालु नरेश पाल ने बताया कि वो हाथरस के सत्संग के प्रत्यक्षदर्शी हैं. वे कहते हैं कि हाफ टी शर्ट और नेकर मे कुछ असामाजिक तत्वों ने साजिश के तहत खासतौर से महिलाओं से धक्का मुक्की की जिससे महिलाये गिरती गयी और फिर भगदड़ मच गयी. वे इस साजिश के प्रत्यक्षदर्शी हैं. नरेश पाल ने कहा कि इस हादसे में भोले बाबा का कोई दोष नहीं है.
फरीदाबाद से आयी भोले बाबा की एक भक्त ने बताया कि वह पागल हो गईं थी लेकिन जब से वो भोले बाबा की संगत मे आयी, तब से बिल्कुल ठीक हैं. वे कहती हैं कि ये हादसा किसी दुश्मनी के कारण हुआ है, प्रभु को बदनाम करने की कोशिश की गई है. जब उनसे पूछा गया कि कहा हैं प्रभु तो उन्होंने कहा कि यही हैं, हर जगह हैं वे हमें दिखाई देते हैं.
पलवल हरियाणा से आये भोले बाबा क़े भक्त हरवीर सिंह कहते हैं कि वे नारायण हरि परमात्मा क़े दर्शन करने आये हैं.वे 2016 से भोले बाबा से जुड़े हैं.वे कहते हैं कि वे शराब पीते थे, अंडा मीट मछली खाते थे लेकिन परमात्मा की शरण मे आने पर सब छोड़ दिया. वे कहते हैं कि यहां लाखों लोग आते थे लेकिन इस हादसे क़े कारण डरे हुये हैं इसलिए कम आ रहे हैं.
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