UP News: बस्ती में स्वास्थ्य विभाग की पोल खुली है. बहादुरपुर ब्लॉक स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाल्हा बदहाली के आंसू रो रहा है. अस्पताल को चार वर्षों से डॉक्टर का इंतजार है. मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है. अस्पताल में तैनात स्टाफ मन के मालिक हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 50 हजार की आबादी के इलाज का जिम्मा है. सुरक्षा के लिए अस्पताल की चहारदीवारी आज तक की गई. गेट लगाकर छुट्टा मवेशियों से बचाव की खानापूर्ति कर ली गई. लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए आवासीय भवन हैंडओवर से पहले जर्जर हो चुके हैं. देखरेख के अभाव में अस्पताल झाड़ियों से घिर चुका है.


बस्ती में सरकारी अस्पताल बना बकरियों का चारागाह


अस्पताल में पेयजल तक की व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को प्यासे रहना पड़ता है. फार्मासिस्ट शैलेश कुमार पांडेय की ड्यूटी भी बेड पर आराम फरमाने के लिए लगती है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मरीजों ने अस्पताल तक आना छोड़ दिया है. अस्पताल परिसर में अब सिर्फ छुट्टा जानवर नजर आते हैं. बकरियां बिना किसी रोकटोक के चरती हुई दिख जाती हैं. मवेशी पालकों के लिए चारागाह बने अस्पताल में बकरियों को चराने की बेहतर जगह है.


लापरवाही के आरोप पर बोले चीफ मेडिकल ऑफिसर


अस्पताल की बदहाली से आसपास झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी है. ड्यूटी करने स्टाफ बेड पर और मरीज कुर्सी पर विराजमान हो जाते हैं. अस्पताल परिसर में बकरियों के चरने का वीडियो वायरल होने पर हड़कंप मच गया. चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आर पी मिश्रा को अस्पताल के बदहाली की कहानी बताई गई. उन्होंने जवाब दिया कि संज्ञान लिया गया. मीडिया भी पल-पल का अपडेट दे रहा है. जांच पूरी होने के बाद फौरन कार्रवाई की जाएगी. लापरवाही का मामला साबित होने पर आरोपियों का निलंबन तक हो सकता है. स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलने के बाद सरकारी अस्पताल चर्चा में है.


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