नई दिल्ली, एबीपी गंगा। हेल्थ इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDA ने सालाना प्रीमियम की जगह अब मंथली, तिमाही और छमाही प्रीमियम देने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा अब इंश्योरेंस कंपनियां IRDA की मंजूरी का इंतजार किए बिना अपने प्रोडक्ट्स में छोटे बदलाव कर पाएंगी। इनमें अतिरिक्त राइडर से लेकर ज्यादा उम्र तक इंश्योरेंस कवर देना शामिल होगा। इस बदलाव से पॉलिसी होल्डर्स को कई फायदे होंगे.


बीमा नियामक IRDA ने प्रीमियम के भुगतान के बदले हुए नियम को लेकर सर्कुलर जारी कर दिया है। IRDA ने जनरल और सिंगल हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनियों को भेजे सर्कुलर में कहा है कि अनुमोदित व्यक्तिगत उत्पाद के तहत किस्तों में भुगतान करने की वजह से मूल प्रीमियम और शुल्क संरचना में बदलाव नहीं होना चाहिए।



सर्कुलर में यह भी कहा गया कि प्रीमियम के भुगतान का प्रस्तावित तरीका (मोड) मासिक, तिमाही या छमाही हो सकता है। IRDA को इस कदम से बीमा प्रॉडक्ट पेश करने में ज्यादा लचीलापन आने की उम्मीद है, इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा बाजार की पहुंच भी बढ़ेगी।


IRDA के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो एकमुश्‍त प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा IRDA के सर्कुलर में यह भी कहा है कि 65 साल से अधिक उम्र के लोग भी बीमा उत्पाद खरीद सकेंगे।



हेल्थ इंश्योरेंस हुआ आसान


- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को मासिक, तिमाही, छमाही देने की मंजूरी
- अब तक सालाना प्रीमियम को ही मंजूरी थी
- कंपनियों को प्रोडक्ट्स में छोटे बदलाव करने की भी मंजूरी मिली
- सर्टिफिकेशन के जरिए प्रोडक्ट्स में छोटे बदलाव को मंजूरी
- कंपनियां 65 साल से ज्यादा की उम्र में भी हेल्थ इंश्योरेंस दे पाएगी


पॉलिसी होल्डर्स को फायदा


- पॉलिसी होल्डर पर एक साथ पूरे प्रीमियम का भार नहीं पड़ेगा
- हेल्थ इंश्योरेंस को बढ़ावा मिलेगा
- सीनियर सिटिजन को इंश्योरेंस कवर का ज्यादा फायदा मिलेगा