(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पीलीभीत में बदले हालात, शासन के इस फैसले के बाद पहले से बेहतर होती नजर आ रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं
यूपी के पीलीभीत जिले में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर स्वास्थ्य महकमे के सीएमएस पर गाज गिरने के बाद अब हालात सुधरने लगे हैं. जिले में अब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी शुरू हो गई हैं.
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही और वेंटिलेटर का उपयोग ना करने के मामले में शासन से हुई कार्रवाई में सीएमएस रतन पाल सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था. रतन पाल सिंह के सस्पेंड होने के बाद प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अनिल मिश्रा ने पद संभाला था. अनिल मिश्रा के पद संभालने के बाद जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से बेहतर होती दिख रही हैं.
ब्लैक फंगस के मरीज को लखनऊ हायर सेंटर रेफर किया गया
बेहर को रही स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पीलीभीत जिला अस्पताल में पूरनपुर थाना क्षेत्र निवासी जवाहर नाम के मरीज को इमरजेंसी में डाक्टरों की देखरेख के समय ब्लैक फंगस के लक्षण मिले. मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने के बाद उसे प्रथमिक उपचार दिया गया और डॉक्टरों ने बिना देरी किए उसे बेहतर इलाज के लिए लखनऊ हायर सेंटर रेफर कर दिया.
मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है
इस बीच डॉक्टर अनिल मिश्रा प्रभारी सीएमएस ने एबीपी गंगा से खास बातचीत में बताया कि ''मैं अपने पद जिम्मेदारी से निभा रहा हूं. हमारे एल 2 कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू कर वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं देकर उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है.''
सुधरने लगे हैं हालात
पीलीभीत जिले में कोविड मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर स्वास्थ्य महकमे के सीएमएस पर गाज गिरने के बाद अब हालात सुधरने लगे हैं. मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी शुरू हो गई हैं.
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