Kanpur Eye Problem News: लगातार बढ़ रही ठंड और गलन ने लोगों की दिक्कतों को बढ़ा दिया है. इससे बचाव के लिए अधिकतर लोग घरों में रूम हीटर, ब्लोअर और अंगीठी का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन ये आपकी आंखों के लिए कितना नुकसान दायक और हानिकारक है ये आपको नहीं पता होगा. सर्दियों में इसके चलते आंखों में हो रही दिक्कतों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. एक अनुमान के अनुसार ऐसे मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत इजाफा हुआ है.
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पारुल सिंह ने बताया कि इन दिनों ओपीडी में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें आंखों में नमी न होने के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जब इस समस्या की वजह जानने का प्रयास किया गया तो जो पता चला तो वो हैरान कर देने वाला निष्कर्ष था. जो लोग रूम में हीटर, ब्लोअर और अंगीठी का प्रयोग अधिक समय तक कर रहे हैं, उनकी आंखों में ऐसी समस्या आ रही है. जिसके चलते उनकी आंखों की नमी सूख जाती है और आंखों में दिक्कत शुरू हो रही है.
सर्दियों में क्यों बढ़ जाती हैं आंखों में समस्या?
डॉ. पारुल सिंह ने इस विषय के बारे में एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि हमारी आंखों में एक परत होती है जोकि आंखों में लगातार नमी को बनाए रखने का काम करती है पर जब हम बंद स्थानों में हीटर, ब्लोअर या आग के संपर्क में अधिक रहते हैं तो आंखों की वो परत सूख जाती है. इस कारण लोगों को सूखेपन, जलन और आंखों में खुजली की समस्या होती है जो बहुत अधिक भी बढ़ सकती है.
बंद कमरे में हीटर का न करें इस्तेमाल
डॉक्टर के अनुसार, ये समस्या सिर्फ एक उम्र के लोगों के लिए नहीं बल्कि हर उम्र के लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं. उन्होंने खास हिदायत दी कि बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर और अंगीठी का प्रयोग बिल्कुल ना करें. इसके अलावा अधिक समय तक लगातार इनका प्रयोग न करे क्योंकि इससे न केवल ऑक्सीजन की कमी होती है बल्कि आंखों में भी समस्या हो सकती है. उन्होंने बताया कि आंखों के आसपास दर्द होना, आंखों में जलन, खुजली, आंखों में सूखापन लगना, ये सारी समस्याएं इसी मौसम के मरीजों में देखने को मिल रही हैं.
आग के बिल्कुल पास न बैठें
उन्होंने कहा कि दवाओं, ड्रॉप के साथ हर मरीज को बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर, अंगीठी का अधिक प्रयोग न करने की सलाह दी जा रही है. कमरे में रूम हीटर या ब्लोअर को जमीन पर रखें, सीधे चेहरे के समाने न रखें. साथ ही बंद कमरे में इनका प्रयोग न करें. आग के बिल्कुल पास न बैठें, थोड़ी दूरी बनाए रखें. समस्या अधिक होने पर आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें.
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