नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अयोध्या विवादित भूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षकार गोपाल विशारद की जल्द सुनवाई की मांग पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यस्थता समिति को 25 जुलाई तक रिपोर्ट जमा करने को कहा है। विशारद ने मध्यस्थता मे कोई ठोस प्रगति न होने की बात कहते हुए कोर्ट से मध्यस्थता बंद कर मुख्य मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
याचिकाकर्ता के वकील के परासरन ने अदालत से मामले में तारीख की मांग की है। उन्होंने कहा कि चूंकि मध्यस्थता किसी भी सकारात्मक परिणाम लाने की संभावना नहीं है, इसीलिए अदालत को सुनवाई के लिए तारीख देनी चाहिए। वहीं, मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील डॉ. राजीव धवन ने कहा कि ये समय मध्यस्थता समिति की आलोचना करने का नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, 'हमने मध्यस्थता समिति का गठन किया है। हमें रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। मध्यस्थतों को रिपोर्ट जमा करने दीजिए।' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जरूरी हुआ तो 25 जुलाई से अयोध्या मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई होगी।
तीन सदस्यीय पैनल कर रहा मध्यस्थता
बतादें कि 10 मई को सुनवाई के दौरान अदालत ने मध्यस्थों को 15 अगस्त तक मध्यस्थता पूरी करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में गठित मध्यस्थता समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मध्यस्थता के लिए और 15 अगस्त तक का समय देने की मांग की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सकारात्मक मध्यस्थता होने की बात कही थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि उसे न्यायमूर्ति कलीफुल्ला मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट मिली है और उसने अपनी कार्यवाही पूरी करने के लिये 15 अगस्त तक का समय देने का अनुरोध किया है। मध्यस्थता के लिए गठित समिति में जस्टिस कलीफुल्ला के अलावा आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू सदस्य बनाए गए हैं।