नई दिल्ली, एबीपी गंगा। दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से ज़्यादा समय से चल रहे प्रदर्शन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली अहम सड़क के बंद हो जाने से लाखों लोगों को हो रही दिक्कत का सवाल उठाया गया है। पिछले हफ्ते कोर्ट ने सड़क बंद किए जाने को गलत बताते हुए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा था। वकील प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटने के लिए समझा पाने में नाकाम रहे हैं। शाहीन बाग में एक ओर जहां दो महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, वहीं प्रदर्शन के कारण सड़कें बंद होने से कई लोग नाराज और परेशान हैं। रविवार को कुछ लोगों ने शाहीनबाग पहुंचकर इस प्रदर्शन के खिलाफ विरोध जताया और सड़क खुलवाने की मांग की।
आपको बता दें कि वार्ताकार रविवार को धरना स्थल पर नहीं पहुंचे थे। चार दिनों तक उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाया लेकिन बात नहीं बनी। सुप्रीम कोर्ट में आज वार्ताकारों को अपनी रिपोर्ट देनी है। अब सभी की नजर कोर्ट की सुनवाई पर टिकी है। वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अदालत हमारे पक्ष में ही फैसला देगी।
गौरतलब है कि शाहीन बाग का रास्ता खाली कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया था। यहां तक कि एक तरफ का रास्ता खाली करने का प्रस्ताव भी प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट व पुलिस से सुरक्षा का लिखित आश्वासन मांगकर टाल दिया। इसके बाद वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। उम्मीद है कि सोमवार को सुनवाई के दौरान रास्ता खाली करने को लेकर फैसला आ सकता है।
जाफराबाद में धरने पर बैठ गई थीं महिलाएं
इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में रविवार को दिल्ली के जाफरबाद इलाके में मेट्रो स्टेशन के नजदीक महिलाएं धरने पर बैठ गईं। इस कानून का विरोध करते हुये उन्होंने नारेबाजी की। सुरक्षा के मद्देनजर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन को एहतियातन बंद कर दिया गया था। मुख्य मार्ग होने की वजह से वहां लंबा जाम लग गया। इसके बाद पुलिस बल ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की। नाकाम होने पर पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इसके बावजूद महिलाएं कभी गली तो कभी सड़क पर आकर नारेबाजी करने लगीं जो देर रात तक जारी था।