उत्तराखंड: मलिक का बगीचा से अतिक्रमण मामले की HC में सुनवाई, सरकार से छह सप्ताह में जवाब तलब
Uttarakhand News: राज्य सरकार के वकीलों ने हल्द्वानी प्रशासन की कार्रवाई का बचाव किया. उन्होंने अदालत को बताया कि लीजधारक ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया.
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Haldwani Violence Update: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मलिक का बगीचा से अतिक्रमण मामले में हल्द्वानी नगर निगम की नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता सफिया मलिक की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने बहस की. वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालती कार्यवाही का हिस्सा बने. उन्होंने अदालत को बताया कि हल्द्वानी प्रशासन ने मलिक का बगीचा में मस्जिद और मदरसा सहित अन्य निर्माणों को तोड़ने के लिए समय नहीं दिया.
हाईकोर्ट में अतिक्रमण हटाने की नोटिस को चुनौती
सलमान खुर्शीद ने कहा कि प्रशासन की कार्रवाई "रूल आफ लॉ" का खुला उल्लंघन थी. उत्तराखंड सरकार की ओर से महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत और शासकीय अधिवक्ता अमित भट्ट पेश हुए. उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील की दलील का विरोध किया. अदालत को बताया गया कि मलिक का बगीचा से अतिक्रमण हटाने में अपनाई गई प्रक्रिया नियमानुसार थी. राज्य सरकार के वकीलों ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण हटाने का अभियान चलाया गया है. मलिक का बगीचा में हल्द्वानी प्रशासन की कार्रवाई भी अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान का हिस्सा है. मलिक का बगीचा की भूमि कृषि कार्यों के लिए लीज पर दी गई थी.
उत्तराखंड सरकार से छह सप्ताह में जवाब तलब
लीजधारक ने अवधि समाप्त होने के बाद लीज की शर्तों का उल्लंघन किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. सरकार के जवाब पर याचिकाकर्ता को दो हफ्ते में प्रति उत्तर देना होगा. इससे जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि तय की गई है. बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी को हिंसा भड़क उठी थी. अतिक्रमण हटाने के नाम पर मदरसा और मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था. विरोध में लोगों ने पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम पर पथराव कर दिया. उपद्रवियों ने उत्पात मचाने के साथ आगजनी भी की.
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