सपा (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह (IP Singh) को शुक्रवार को बलरामरपुर की एक अदालत में पेश किया गया है. अदालत उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. आईपी सिंह को गुरुवार को एक एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने जेल भेज दिया था. आईपी सिंह 22 साल पुराने बूथ कैप्चरिंग मामले में आरोपी है. कई बार समन किए जाने के बाद भी वो अदालत में पेश नहीं हो रहे थे. इसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW)जारी कर दिया था. सपा ने अपने प्रवक्ता को जेल भेजे जाने को निदंनीय और शर्मनाक बताया है.


क्या है पूरा मामला


आईपी सिंह जिला पंचायत चुनाव के दौरान बूथ कैप्चरिंग और बवाल के मामले में देहात थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. यह मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है. एमपी एमएलए कोर्ट ने कई बार उन्हें समन भेजा, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए.इसके बाद कोर्ट ने आईपी सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. इसके बाद भी वो अदालत में पेश नहीं हुए.गुरुवार को उन्होंने अदालत में हाजिर होकर अंतरिम जमानत मांगा था. कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया.


करीब 22 साल पहले हुए जिला पंचायत चुनाव के मतदान के दिन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री आईपी सिंह बलरामपुर के एक मतदान केंद्र पर पहुंचे थे. वहां बूथ कैप्चरिंग को लेकर जमकर बवाल हुआ था. आईपी सिंह पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे थे. पुलिस ने आईपी सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.जमानत मिलने के बाद वे कभी अदालत में हाजिर नहीं हुए. अदालत ने इसके लिए कई बार समन भी जारी किया था. 


बीजेपी में रहते हुए किया था सपा का समर्थन


समाजवादी पार्टी ने अपने प्रवक्ता को जेल भेजे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सपा ने एक ट्वीट में लिखा, ''अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज़ को दबाने की साजिश रच रही भाजपा सरकार! सपा प्रवक्ता श्री आईपी सिंह को लोकतंत्र विरोधी सरकार ने षड्यंत्र रच कर जेल भेजा है. निंदनीय एवं शर्मनाक!''


आईपी सिंह अपने बागी तेवर के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी में रहते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का समर्थन किया था. उन्होंने अपने घर को बतौर ऑफिस इस्तेमाल करने की पेशकश भी अखिलेश यादव के सामने की थी.इसके बाद से बीजेपी ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था. इसके बाद वो सपा में शामिल हो गए थे. सपा ने उन्हें अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था. आईपी सिंह मूल रूप से आजमगढ़ के ही रहने वाले हैं. 


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